दिलीप दवे
खुद मेँ छुपी प्रतिभा को विद्यार्थी पहचाने इसको लेकर अब बाड़मेर व डूंगरपुर जिले के सरकारी विद्यालयों में कक्षा छठीं से आठवीं के बच्चे कॉमिक्स पढ़कर आत्मविश्वास प्राप्त करेंगे। आत्मसम्मान कौशल शिक्षा के रूप में पायलट प्रोजेक्ट शुरू है जिसमें बाड़मेर व डूंगरपुर को शामिल किया गया है, यहां अध्ययनरत बच्चों को छह कॉमिक्स किताबों के साथ दी जाएगी जिसको पढ़कर उनमें आत्मविश्वास जगेगा।
राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी) की ओर से आत्मसम्मान कौशल शिक्षा प्रोजेक्ट लागू किया गया है। इसके लिए बाड़मेर का चयन हुआ है। योजना के तहत कक्षा छठीं से आठवीं में अध्ययनरत ऐसे बच्चे जो शारीरिक बदलाव व खुद को दूसरों से कमतर की सोच के चलते हीन भावना से ग्रसित हो जाते हैं, उनके आत्मविश्वास जगाने की पहल है। योजना के तहत छह कॉमिक्स बुक बनाई गई है जो इन बच्चों को बांटी जाएगी जिसे पढ़कर वे अपनी प्रतिभा को जानकर अपनी क्षमता का विकास कर सके। प्रोजेक्टर यूनिसेफ इंडिया और सेंटर फॉर अपीयरेंस रिसर्च डब सेल्फ एस्टिम प्रोजेक्टर के सहयोग से बनाया गया है।
Efforts to promote co-educational activities:
दरअसल विद्यालयों में अध्यनरत बच्चों में होने वाले शारीरिक बदलाव के साथ आत्मविश्वास की कमी पर वे सह शैक्ष्णिक गतिविधियों(co-educational) भाग नहीं ले पाते। उनमें दूसरों से कम होने की भावना धीरे-धीरे घर कर जाती है, इस हीन भावना को दूर कर दूसरों के साथ कंधा से कंधा मिला सह शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल हो इसको लेकर यह कार्यक्रम चलाया जाएगा।
नवीन पायलट प्रोजेक्ट
यह एक तरह का नया पायलट प्रोजेक्ट है जो जिले में लागू हो रहा है। इसको लेकर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शिक्षक बच्चों में कॉमिक्स के माध्यम से आत्मविश्वास पैदा करेंगे जिससे कि वे हीन भावना को छोड़ आगे बढ़ सके। प्रोजेक्ट के तहत शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
– सरोज चौधरी, डीआरयू (जिला संदर्भ इकाई ) सभागाध्यक्ष डाइट बाड़मेर
Source: Barmer News