बाड़मेर। देश में उत्पादित कच्चे तेल पर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को घोषणा की है कि केबिनेट ने घरेलू रूप से उत्पादित कच्चे तेल की बिक्री के डीरेगुलराइजेशन को मंजूरी दे दी है। इस फैसले का सीधा असर राजस्थान के बाड़मेर जिले में हो रहे तेल उत्पादन पर पड़ेगा। आने वाले समय में प्रतिस्पर्धी नीतियों के चलते क्रूड ऑयल का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे राज्य सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। नई नीति 1 अक्टूबर से लागू होगी। अभी तक, तेल उत्पादक सरकार की आवंटन नीति के अनुसार बेच सकते हैं। फिलहाल केंद्र सरकार तय करती है कि किस राज्य की ओर से संचालित रिफाइनरी को प्रत्येक उत्पादक से कितना क्रूड मिलता है। अब सभी एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन कंपनियां घरेलू बाजार में अपनी फील्ड से कच्चा तेल बेचने के लिए स्वतंत्र होंगी। घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के निर्यात की अनुमति नहीं होगी।
सरकार का राजस्व बढ़ेगा
नियमों को आसान बनाने के लिए, आर्थिक मामलों की केबिनेट कमेटी (सीसीइए) ने घरेलू कच्चे तेल क्षेत्र को डीरेगुलेट करने का फैसला किया। नए फैसले से सरकार के राजस्व को बढ़ावा मिलेगा और तेल कंपनियों के लिए यह बेहतर प्राप्ति केंद्र की रॉयल्टी और उपकर आय को बढ़ावा दे सकती है। क्योंकि उनसे कीमत के प्रतिशत के रूप में शुल्क लिया जाता है। सेस 20 फीसदी पर आंका गया है।
सरकार को बेहतर कदम
वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इस कदम की सराहना की। भारत के घरेलू तेल और गैस क्षेत्र को निवेशकों के लिए पारदर्शी और व्यवहारिक के लिए 2014 से सरकार के प्रयासों की कड़ी में नया कदम है। अग्रवाल ने कहा कि घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों को मार्केटिंग की स्वतंत्रता देने वाले ऐतिहासिक निर्णय से सरकार को राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी। वेदांता केयर्न ऑयल एंड गैस में, हम 4 अरब डॉलर का निवेश करने और भारत के घरेलू हाइड्रोकार्बन उत्पादन में 50 प्रतिशत का योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
तेल खोज को प्रोत्साहित करेगा निर्णय
केयर्न ऑयल एंड गैस के डिप्टी सीईओ प्रचुर साह ने कहा कि नियमों को आसान बनाने और खुले बाजार में कच्चे तेल की सीधी बिक्री की अनुमति देना महत्वपूर्ण निर्णय है जो देश में तेल और गैस की खोज, उत्पादन और मार्केटिंग को और प्रोत्साहित करेगा। यह विनियमन अधिक विदेशी निवेशकों को आकर्षित करेगा, प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करेगा और उत्पादकों को उच्च मूल्य प्राप्ति और निवेश पर बेहतर लाभ प्राप्त करने में भी मदद करेगा। मार्केटिंग स्वतंत्रता से उचित मूल्य प्राप्ति होगी और भारत के संसाधन आधार के तेजी से मुद्रीकरण का समर्थन करेगा। यह निर्णय भारत की ऊर्जा आत्मानिर्भरता की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
Source: Barmer News