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बाड़मेर. बीमा क्लेम के पन्द्रह साल पुराने मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग बाड़मेर में प्रार्थीगण के पक्ष में फैसला सुनाते हुए एक लाख की बीमा राशि मय हर्जाना अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग बाड़मेर में दर्ज प्रकरण के अनुसार प्रार्थी सुशीला पत्नी

रामनिवास व रघुनाथ विश्नोई पुत्र रिड़मलराम निवासी चौहटन आगोर ने 2007 में परिवाद पेश किया।

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प्रार्थीगण ने बताया कि रामनिवास ने सहारा इंडिया परिवार संस्था में सहारा इंडिया सेक्टर कार्यालय बाड़मेर की शाखा चौहटन में मासिक योजना के तहत 2003 में खाता खुलवाया था। उसका सड़क दुर्घटना में 2005 में निधन हो गया। इसके बाद जमा राशि मय ब्याज परिजन को मिल गई लेकिन योजना के तहत दुर्घटना बीमा योजना का प्रावधान था जिसकी राशि एक लाख रुपए नॉमिनी पत्नी सुशीला व पिता रघुनाथ विश्नोई को नहीं मिली। उन्होंने शाखा चौहटन से सम्पर्क किया तो मामला सहारा इंडिया के रिजनल कार्यालय जोधपुर भेजा गया जहां से जवाब आया कि विलम्ब होने से उक्त राशि का भुगतान नहीं हो सकता।

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इस पर प्रार्थीगण ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में मामला दर्ज करवाया। इस प्रकरण को लेकर आयोगअध्यक्ष शंकरलाल पुरोहित व सदस्य स्वरूपसिंह ने फैसला सुनाते हुए सहारा इंडिया रीजनल मैनेजर जोधपुर, सेक्टर प्रमुख बाड़मेर को एक लाख रुपए बीमा राशि रुपए मय जुर्माना सात फीसदी वार्षिक ब्याज, पचास हजार मानसिक वेदना क्षतिपूर्ति पेटे व दस हजार परिवाद व्यय देने के आदेश दिए। प्रार्थीगण ने बताया कि उन्होंने बीमा कम्पनी को भी विप्रार्थी बनाया लेकिन आयोग ने उसको विप्रार्थी नहीं मान सहारा इंडिया के रीजनल मैनेजर व सेक्टर प्रभारी को ही विप्रार्थी माना।

Source: Barmer News

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