थार में लम्पी वायरस का प्रकोप नियंत्रण में नहीं आ रहा है। गोवंश में फैल रही बीमारी से पशु काल का ग्रास बन रहे है। जिले में रोजाना पशुओं के मौत की जानकारी आ रही है। जिले में काफी बड़ी संख्या में पशुओं के वायरस की चपेट में आने के कारण बीमार संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक कुल 10 हजार से अधिक गोवंश बीमारी की चपेट में आ चुका है और करीब 1000 की मौत हो चुकी है। हालांकि विभाग ने मंगलवार तक कुल 830 मौतों की पुष्टि की है।
जिले में लम्पी से कितना गोवंश रोज मर रहा है, यह विभाग के आंकड़ों खुद ही बता रहे है। विभाग ने 31 जुलाई को कुल 524 की मौत बताई। वहीं 1 अगस्त को 729 तथा 2 अगस्त को आंकड़ा 830 पर पहुंच गया। ऐसे में एक दिन में ही टीमों ने जहां सर्वे किया। वहीं के आंकड़े है। हकीकत में पता किया जाए तो यह आंकड़ा और भी भयावह हो सकता है।
3 हजार से अधिक गोवंश की स्थिति गंभीर
जिले में मंगलवार तक टीमों की ओर से जिले के प्रभावित क्षेत्रों में 59 हजार 518 पशुओं का सर्वे किया गया है। जिसमें लंपी स्कीन डिज़ीज़ से कुल 11 हजार 785 पशु प्रभावित पाए गए। जिले में कुल 9761 पशुओं का मौके पर उपचार किया गया एवं 3239 बीमारी से रिकवर हुए तथा अब तक कुल 830 पशुओं की मृत्यु हुई।
देर से चेता तो गोशालाओं तक पहुंच गया वायरस
लम्पी बीमारी को लेकर पशुपालन विभाग काफी देर से चेता है। इसके कारण यह बीमारी सीमावर्ती क्षेत्र के बाद बाड़मेर-बालोतरा तक पहुंच गई और गोशालाओं का गोवंश भी प्रभावित हुआ है। जहां पर पशुओं के बड़े समूह के कारण वायरस का एक से दूसरे पशु में संक्रमण की आशंका अधिक रहती है। इसके कारण गोशालाओं में पशु बीमार भी हो रहे है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पर टीमें पहुंच रही है, वहां लम्पी से ग्रस्त पशु सामने आए हैं।
स्वस्थ पशुओं के मालिकों की बढ़ती चिंता
जिले में जो गोवंश स्वस्थ है, उनके मालिकों की चिंता बढ़ती जा रही है। पशुपालकों का कहना है कि ऐसी कोई दवा दी जाए कि स्वस्थ पशु वायरस की चपेट में नहीं आए। पशुपालक अब बाड़े में पशुओं की बेहतर देखभाल भी करने लगे है। वहीं पशु चिकित्सकों की सलाह है कि बाड़े में साफ-सफाई रखे और मच्छरों को नहीं पनपने दें। जिससे काफी हद तक स्वस्थ पशु को लम्पी बीमारी से बचाया जा सकेगा।
मौके पर ही उपचार
प्रभावित गांवों व ढाणियों का दौरा कर मंगलवार को रोग के लक्षण पाए जाने वाले 1524 पशुओं का मौके पर ही उपचार किया गया। पशु चिकित्सा दल प्रभारियों ने रोकथाम के लिए पशुपालक जनजागृति अभियान के तहत पशुपालकों के साथ बैठकर चेतना शिविर व गोष्ठी का आयोजन कर जानकारी भी दे रहे हैं।
-डॉ. विनयमोहन, कार्यवाहक संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग बाड़मेर
आंकड़ों में जिले में लम्पी का प्रकोप
Source: Barmer News