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जोधपुर।

मारवाड़ के लोग जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश की लाल सुर्ख व मीठी सेब का स्वाद अब यहां पर भी चख सकेंगे। जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के नवाचार व प्रगतिशील किसानों के प्रयासों से पश्चिमी राजस्थान में जम्मू कश्मीर की समर एप्पल नाम से मशहूर किस्म एचआरएमएन-99 सेब पैदा होगी। कृषि विवि के वैज्ञानिकों का एक दल कुछ माह पूर्व जम्मू में इस किस्म का अध्ययन व फसल परिणाम देखने के बाद करीब 1 हजार पौधें लाया था। इस किस्म का पौधा पश्चिमी राजस्थान में करीब 10 हेक्टेयर में 4 गुणा 3 मीटर की दूरी में लगाया गया है। विवि के अधीन 6 जिलों जोधपुर, बाड़मेर, पाली, जालोर, सिरोही व नागौर में यह किस्म उगाई गई है, पहली फसल अगले साल जनवरी-फरवरी में आएगी।
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इन स्थानों पर लगाए गए पौधें

– कृषि विज्ञान केन्द्र- गुडामालानी, सिरोही, मौलासर, अठियासन, फलोदी व केशवाना ।
– कृषि अनुसंधान केन्द्र- मंडोर-जोधपुर, केशवाना-जालोर व उप केन्द्रों पर।
– कृषि महाविद्यालय- नागौर व सुमेरपुर।

एक पौधे की पैदावार 40-50 किलो

– सामान्य पानी मे पनपने वाले इस पौधे को सर्दी में प्रति सप्ताह एक बार तथा गर्मी में दो बार पानी की जरुरत रहती है।
– यह पौधा लगभग 44-45 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सहन करने की क्षमता रखता है।

– पहले वर्ष प्रति पौधा 7-8 किलो तथा बड़े होने पर अधिकतम 40-50 किलो पैदावार देता है।
– 25 वर्ष तक खड़ा रहने वाला यह पौधा क्षेत्र की जलवायु के अनुकूल है।


मारवाड़ में सेब लगाने का एक नवाचार किया है। जलवायु, तापमान के हिसाब से इसकी रिपोर्ट अच्छी आ रही है। अच्छी फसल हुई तो किसानों को कमाई का नया विकल्प मिलेगा।
प्रो बीआर चौधरी, कुलपति

कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर
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प्रयोग के तौर पर मैने सेब के पौधें लगाए है। अब धीरे-धीरे पनपना शुरू हुए है, कोपलें निकली है और उम्मीद है पहली फसल अच्छी आएगी।
जयनारायण सांखला, प्रगतिशील किसान

Source: Jodhpur

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