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जोधपुर . मारवाड़ का प्रमुख लोक पर्व बड़ी तीज जोधपुर में रविवार को पारम्परिक हर्षोल्लास से मनाया गया । सुबह से चन्द्रोदय तक निराहार रही तीजणियों ने रात करीब 9.45 बजे जैसे ही चन्द्र दर्शन किया तो उनके चेहरे खुशी से खिल उठे । सुहागिनों ने गोधूलि वेला से चन्द्रोदय तक मंदिरों में शीश नवाकर अखण्ड सुहाग, परिवार में मधुरता एवं सुख – समृद्धि की प्रार्थना की वहीं कुंआरी कन्याओं ने मनोवांछित वर की कामना को लेकर तीज माता का व्रत रखा । सूर्यनगरी के कृष्ण मंदिरों में रविवार शाम तीजणियों की रेलमपेल रही ।

तळाई में नींबू दीठौ……

रविवार को सूर्यास्त के बाद नख से शिख तक शृंगारित तीजणियों ने घर के बाहर बनी चबूतरी पर तळाई बनाकर उसकी पाळ पर नीमड़ी रोपने के पश्चात मोहल्ले अथवा ससुराल पक्ष की बुजुर्ग महिला से चन्द्रोदय तक तीज माता से जुड़ी कथाएं सुनीं । तळाई में नींबू काचरा, गवारफली आदि की प्रतिछाया देखकर जब उन्होंने एक दूसरे से पूछा कि तळाई में नींबू दीठौ तो सभी साथी तीजणियों ने प्रत्युत्तर में कहा कि दीठौ बाई दीठौ … जैड़ों ही तूटो …। चन्द्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देकर तीजणियों ने अपने पति के हाथों से आक के पत्ते पर सातू ग्रहण कर उपवास का पारणा किया ।

चांदपोल चौका में तीज का पूजन

बड़ी तीज का पूजन चांदपोल चौका में निर्मला जोशी के सान्निध्य में किया गया। पूजा स्थल पर पूजन सामग्री – सत्तु के साथ परिवार एवं मोहल्ले की सुहागिनों एवं कन्याओं ने पूजा की व पौराणिक कथा का श्रवण किया। पूजन के पश्चात सभी व्रतियों ने चन्द्रदर्शन कर आक के पत्तों पर सत्तु एवं फल के साथ व्रत खोला गया।

Source: Jodhpur

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