जोधपुर . भगवान कृष्ण के बड़े भ्राता बलराम का जन्मोत्सव मंगलवार को ऊब छठ ( चंदन षष्ठी ) पर्व के रूप में श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया । महिलाओं एवं युवतियों ने शाम तक निराहार रहकर सूर्यास्त के समय स्नान के बाद सात बार चंदन मिश्रित जल का आचमण किया और चन्द्रोदय तक खड़े रहकर साधना का संकल्प लिया । महिलाओं ने नजदीकी वैष्णव मंदिरों एवं शिवालयों में दर्शन कर परिवार में खुशहाली एवं समृद्धि की कामना की । जूनी मंडी गंगश्यामजी मंदिर, कटला बाजार स्थित कुंज बिहारी मंदिर , चांदपोल के बाहर स्थित रामेश्वर सिद्धपीठ धाम मंदिर , अचलनाथ मंदिर , जालोरी बारी बड़लेश्वर महादेव मंदिर आदि मंदिरों में विशेष फूलों का श्रृंगार किया गया। हालांकि रिमझिम बारिश के कारण मंदिरों में दर्शनार्थियों की संख्या नगण्य रही। देर रात तक व्रती महिलाओं को चन्द्रोदय का इंतजार रहा। कुछ मंदिरों में बुधवार को भी चंदन षष्टी पर्व मनाया जाएगा। कुंज बिहारी मंदिर के महंत भंवरदास निरंजनी ने बताया कि ऊब छठ पर्व मंदिर में बुधवार को मनाया जाएगा।
चन्द्रप्रधान पर्व
पं. ओमदत्त शंकर ने बताया कि षष्ठी तिथि 16 अगस्त को रात 8:17 से आरंभ होकर 17 अगस्त को रात 8:24 पर समाप्त होगी। चूंकी ऊब छठ चन्द्रप्रधान पर्व है इसीलिए छठ का चन्द्रमा 16 अगस्त को उदित होने के कारण ऊब छठ मंगलवार को मनाई गई। बुधवार रात को सप्तमी का चन्द्रमा होगा। ऊब छठ का व्रत और पूजा विवाहित स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए तथा कुंआरी लड़कियां अच्छे पति कामना में करती है।
Source: Jodhpur