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जोधपुर. रामदेवरा मेला आयोजन एवं जातरुओं के लिए व्यवस्थाओं के प्रबंधन को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों की बैठकों के बावजूद धरातल पर जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता के अधिकारियों को दिए गए निर्देश का परिणाम नजर नहीं आ रहा है। जातरुओं की सुरक्षा के लिहाज से किसी भी तरह के प्रशासनिक इंतजाम अभी तक शुरू ही नहीं हुए हैं । आस्था की डगर पर जातरुओं का जीवन किसी जोखिम से कम नहीं है। रामदेवरा पैदल मार्ग में आने वाले खनन क्षेत्रों में जल भराव के दृष्टिगत सभी संबंधित स्थानों को चिन्हित कर वहां समुचित बेरिकेडिंग, संकेतक, चेतावनी बोर्ड, जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश पर अभी तक अमल नहीं हुआ है।

खतरनाक हो सकता है अंजान पानी

गुजरात, मध्यप्रदेश व राजस्थान के कोने कोने से आने वाले पैदल जातरुओं के लिए बारिश के बाद अज्ञात जगहों पर बने गढ्ढों, जलाशयों, खनन क्षेत्रों के पथरीली चट्टानों के बीच फिसलन भरी जगहोें पर जलभराव में स्नान व कपड़े धोना खतरनाक हो सकता है। सूचना पट्ट के अभाव के कारण खतरे से अनभिज्ञ जातरू पानी की गहराई का पता नहीं होने से नहाने उतर जाते है और तैरना नहीं जानने के कारण जान जोखिम में डाल सकते है। रामदेवरा मार्ग में जहां जहां भी जलभराव की िस्थति है वहां पर क्षेत्र के जागरूक लोग, जनप्रतिनिधियों के सहयोग से किसी भी तरह की अनहोनी को रोका जा सकता है।

जगह जगह खतरा

पाली रोड लूनी नदी के बहते पानी में जातरुओं के समूह इन दिनों कपड़े धोने व स्नान करने पहुंच रहे है लेकिन वहां किसी भी तरह का संकेतक, सूचना पट्ट नहीं लगा है। मंडलनाथ रोड कालिया देह, काली बेरी सूरसागर खनन क्षेत्र में जगह जगह भरे पानी में स्नान करना जातरुओं के लिए जानलेवा हो सकता है।

Source: Jodhpur

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