जोधपुर।
वैश्विक मंदी का शिकार प्रदेश के हैण्डीक्राफ्ट निर्यात उद्योग पर चीन ने बड़ा कारोबारी हमला किया है। चीन से अमरीका जाने वाले कटेनरों में भारी कटौती किए जाने से देश का हस्तशिल्प विश्व बाजार में महंगा होने से निर्यात घटने की आशंका गहरा गई है। चीन ने अमरीका-यूरोप जाने वाले कंटेनरों के शिपिंग चार्ज कम कर दिया है। इससे चीन के मुकाबले भारत से अमरीका व यूरोप जाने वाले कंटेनरों का माल भाडा दोगुना हो गया है । नतीतजन विदेशी ग्राहक भारत की बजाए चीन से माल खरीदने की ओर रुख कर रहे है। इस संकट से जयपुर, जोधपुर सहित दिल्ली, मुरादाबाद, पानीपत, सहारनपुर, आगरा, फिरोजाबाद आदि शहरों के निर्यातक पीडि़त है। उल्लेखनीय है कि देश में सबसे ज्यादा लकड़ी के हैण्डीक्राफ्ट व फनी्रचर उत्पादों का निर्यात जोधपुर से होता है।
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चीन से प्रतिस्पर्धा में नहीं टिक पाएंगे देश के निर्यातक
वर्ष 2020 में कोरोना संकट के बाद से देश में भाड़ा बढ़ना शुरू हुआ था, जो अब तक छह गुना तक बढ़ गया है। भारत-चीन के पोर्ट्स से अमरीका के विभिन्न पोर्ट्स के लिए कंटेनर भाड़ा 12 से 18 हजार डॉलर तक पहुंच गए थे। इस बीच शिपिंग लाइंस ने भारत से अमरीका के लिए जाने वाले कंटेनरों के भाड़े में मामूली कटौती कर करीब 10-14 हजार डॉलर के बीच की है। वहीं चीन ने कंटेनरों के भाड़े में अप्रत्याशित कटौती करते हुए नई दर 5-5.50 हजार डाॅलर तय की है।
एक्सपोर्टर्स का कहना है कि फर्नीचर और हैण्डीक्राफ्ट के एक 40 फुट कंटेनर माल का औसत निर्यात मूल्य करीब 15 हजार डॉलर होता है, ऐसे में एक कंटेनर के मालभाड़े में पांच से आठ हजार डॉलर के फर्क के चलते यहां के निर्यातक चीन के मुकाबले प्रतिस्पर्धा में टिक नहीं पाएंगे।
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200 से अधिक इकाइयों में काम ठप
विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहे जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट उद्योग में करीब 200 से अधिक कारखानों में काम पूर्णरूप से ठप पड़ा है। लोहे से बनने वाल हैन्डीक्राफ्ट की हालत तो और ज्यादा खस्ता है । पिछले 5 माह में करीब 30-35 हजार से अधिक लोग बेरोजगारी का सामना कर चुके है ।
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अमरीका ने शिपिंग लाइंस की मनमानी रोकने के लिए बनाया कानून
अमरिकी सरकार ने शिपिंग कम्पनियों की मनमानी और अनुचित कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाने के लिए हाल ही में एक कानून पास किया है। इस कानून से वहां के फेडरल मैरीटाइम कमीशन को शिपिंग लाइन्स की ओर से अपनाई जा रही अनुचित व्यापार नीति पर रोक लगाने की शक्तियां दी गई हैं।
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जोधपुर का हैण्डीक्राफ्ट उद्योग
-2500 हैण्डीक्राफ्ट इकाइयां
– 4000-4500 करोड़ का सालाना निर्यात
– 90 से अधिक देशों में निर्यात
– 700 से अधिक छोटे-बड़े एक्सपोर्टर
– 35 हजार कंटेनर्स सालाना निर्यात
– 2 लाख लोगों को प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से रोजगार दे रहा उद्योग
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केन्द्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल को अवगत कराया गया है कि इस समस्या का तत्काल समाधान नहीं किया गया तो भारत से कंटेनर से माल निर्यात में भारी गिरावट हो सकती है।
नवनीत झालानी, को-ऑर्डिनेटर
राजस्थान हैंडीक्राफ्टस एक्सपोर्टर्स ज्वाइंट फोरम, जयपुर
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कंटेनर से माल एक्सपोर्ट करने वाले निर्यातकों के हित सुरक्षित रखने के लिए केन्द्र सरकार को ठोस और कठोर कार्यवाही करनी चाहिए। मंदी की मार झेल रहे हैण्डीक्राफ्ट निर्यातकों को अब चीन से प्रतिस्पर्धा में टिके रहना कठिन चुनौती है । केन्द्र सरकार को तुरन्त इस मुददे पर संज्ञान लेते हुए शिपिंग कोस्ट को नियंत्रित करना चाहिए ।
डा. भरत दिनेश, अध्यक्ष
जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन
Source: Jodhpur