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जोधपुर. प्रख्यात भारतीय शास्त्रीय संगीत गायक पण्डित रतनमोहन शर्मा और शास्त्रीय गिटार वादक पण्डित दीपक क्षीरसागर को महाराजा हनवन्तसिंह मारवाड़ संगीत रत्न अवार्ड प्रदान किया गया। स्वर-सुधा संस्थान व मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को सम्पूर्णानन्द मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित अवार्ड समारोह में समारोह के अध्यक्ष पूर्व सांसद गजसिंह व मुख्य अतिथि आईआईटी. जोधपुर के निदेशक शान्तनु चौधरी ने अवार्ड प्रदान किए। महाराजा हनवन्तसिंह मारवाड़ संगीत रत्न अवार्ड पूर्व में राजस्थान की माटी में जन्में पंडित जसराज, उस्ताद सुल्तान खान, राजकुमार रिज़वी, पंडित राजेन्द्र वैष्णव को दिए जा चुके है ।

पं. दीपक ने किए दिलों के तार झंकृत

अवार्ड समारोह में पं. दीपक क्षीरसागर ने राग अमन में आलप जोड़ झाला रूपक ताल में निबद्ध एक गत की प्रस्तुति से कार्यक्रम का आगाज किया। मध्यलय तीन ताल में एक बंदिश से श्रोताओं के दिलों के तार झंकृत किए। लय के विभिन्न छंद बनाते हुए तबले के साथ संगत में अलग अलग तरीके से राग यमन को और भी विस्तार से प्रस्तुति के दौरान श्रोता खुद को अध्यात्म से जुड़े महसूस करते रहे । संगत में तबलावादक पं. मिथलेश झा और तानपुरे पर तन्मया क्षीरसागर ने संगत की।

पण्डित रतनमोहन ने राग पुरिया से बांधा समां

प्रख्यात भारतीय शास्त्रीय संगीत गायक पण्डित रतनमोहन शर्मा कार्यक्रम का आगाज राग पूरिया से कार्यक्रम का आगाज करते हुए बड़ा ख्याल में फूलन के हरवा गुथ ला री मालन…..और विलंबित एक ताल में बंदिश प्रस्तुत कर समां बांधा। ध्रुत ख्याल पूरिया में श्याम कुंवर मोरे घर आव… और हवेली संगीत का एक पद माई मेरो मने को हो सांवरों घर आंगणा सुहाए…. प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम में उन्होंने राग मेघ में तराना प्रस्तुत किया। संगत में तबले पर पं. मिथिलेश झा और हारमोनियम पर अनूप पुरोहित ने बखूबी साथ निभाया। कार्यक्रम का संचालन अनुराधा अडवानी ने किया। कार्यक्रम में स्वरसुधा अध्यक्ष चन्द्रा बूब, विवेक कल्ला, आसेन्द्र सोनी आदि मौजूद रहे।

Source: Jodhpur

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