बालोतरा . पश्चिमी सरहद से देश की राजधानी को जोडऩे वाली मालानी इंटरसिटी एक्सप्रेस को रेलवे ने अपनी सुविधा के लिए बंद कर, उसके स्थान पर मण्डोर एक्सप्रेस संचालन के निर्णय के विरोध में लोग एकजुट होने लगे हैं। मालानी रेलगाड़ी के बंद होने पर लोगों को कामकाज के लिए जिला मुख्यालय बाड़मेर पहुंचने व काम कर लौट पाने की चिंता सता रही है। इस पर जिले व क्षेत्र के लोगों की मांग है कि मालाणी एक्सप्रेस रेलगाड़ी का संचालन पूर्व की तरह यथावत रखा जाए।
गत 15 वर्ष से हर शाम बाड़मेर से दिल्ली व दिल्ली से बाड़मेर के लिए संचालित हो रही मालाणी इंटरसिटी एक्सप्रेस को रेलवे बंद कर मण्डोर एक्सप्रेस चलाने के निर्णय से आमजन में रोष है। मालानी एक्सप्रेस जोधपुर मार्ग के रेलवे स्टेशन समदड़ी, बालोतरा, बायतु में ठहाराव कर हर सुबह 9 बजे रेलवे स्टेशन बालोतरा पहुंचती है।
इसके बाद यह बाड़मेर से शाम 5.45 बजे रवाना होकर बीच के इन्ही रेल स्टेशनों पर ठहतरी हुई अल सुबह जयपुर पहुंचती है। रेलगाड़ी के जिला मुख्यालय पहुंचने के बाद 8 घंटे से अधिक ठहराव के बाद वापस रवाना होने पर कामकाज करने को लेकर लोगों को भरपूर समय मिलता है।
लोग आसानी से काम करवाकर रात आठ बजे तक घर पहुंच पाते हैं। इस पर हर दिन हजारों जनों इससे यात्रा करते हैं। लेकिन अब रेलवे के इस रेलगाड़ी को बंद कर इसके स्थान पर मण्डोर संचालित करने व इसका समय अनुकूल नहीं होने पर लोगों में अधिक रोष है।
जिले की आबादी 26 लाख से अधिक है, लेकिन यहां रेल सुविधा आज भी बहुत कम है। बाड़मेर-दिल्ली के बीच संचालित एक्सप्रेस रेलगाड़ी रेलवे स्टेशन जोधपुर में दो भागों में बंट कर बाड़मेर व जैसलमेर को जाती है। रात्रि में ये वापस जोधपुर में एक ओर दिल्ली को जाती है।
शटिंग के काम से बचने के लिए रेलवे ने स्वयं के हित में मालाणी एक्सप्रेस का संचालन बंद कर, मण्डोर एक्सप्रेस संचालित करने का निर्णय लिया है। इससे सीमांत बाड़मेर जिले के लाखों लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
मालानी रखें यथावत
मालाणी एक्सप्रेस जिले के हजारों हजारों लोगों के लिए जीवन रेखा है। लोग सुबह जिला मुख्यालय पहुंचते व काम करवाकर रात होने से पहले घर पहुंचते हैं। इस पर खर्च कम आता है। इसे बंद करने से हजारों जनों को अधिक परेशानी होगी। खर्च भी बढ़ेगा। रेलवे जनहित में संचालन यथावत रखें।
– चेलाराम चौधरी किसान
लाखों लोगों का अन्याय
रेलवे के स्वयं की सुविधा के लिए मालाणी का संचालन बंद करना, लाखों लोगों के साथ अन्याय है। इसे बंद करने पर सबसे अधिक गरीब व कमजोर को परेशानी उठानी पड़ेगी। रेलवे स्वयं के हित की बजाए जनहित में इसका संचालन पूर्व की तरह जारी रखें।
– चन्द्रेश चारण व्यापारी
Source: Barmer News