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जोधपुर।
मारवाड़ (Marwar) खासकर जोधपुर में हर गिरोह के बदमाश अवैध तमंचों (Illegal Arms) से लैस होते जा रहे हैं। पुलिस को भी अंदेशा है कि जिले में अवैध हथियारों की भारी (large scale of illegal arms) खेप है। जो मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में घर-घर बनाए जाते हैं, लेकिन इन तमंचों के साथ जिंदा कारतूसों के मिलने से पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों के माथे पर चिंता की लकीरें होने लगी हैं। ऐसे में पुलिस इनके स्त्रोत का पता लगाने में जुटी है।
तमंचे तो घर में बन रहे, लेकिन कारतूस नहीं
पुलिस का मानना है कि एमपी व प्रतापगढ़ में कई जगहों पर घरों में अवैध तरीकों से देसी पिस्तौलें व तमंचे बनाए जाते हैं, लेकिन कारतूस देसी तरीके से घरों में बनाना संभव नहीं है। इसके बावजूद अपराधिक गिरोहों से भारी मात्रा में जिंदा कारतूस जब्त हो रहे हैं।
हर आर्म्स लाइसेंसधारक को दो सौ कारतूस की छूट
हर हथियार के लाइसेंस धारक को प्रति वर्ष अधिकतम सौ-सौ यानि कुल दो सौ कारतूस खरीदने की छूट है। जो लाइसेंसधारक हथियार व कारतूस निर्माता कम्पनी से खरीद कर सकता है। अमूमन लाइसेंसधारक के कारतूस उपयोग में नहीं आते हैं। ऐसे में पुलिस को अंदेशा है कि कहीं लाइसेंस धारकों को जारी होने वाले कारतूस बदमाशों तक तो नहीं पहुंच रहे हैं।
एक हजार से अधिक जिंदा कारतूस जब्त
वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 में जुलाई तक पुलिस कमिश्नरेट के पूर्वी जिले की पुलिस ने 423 जिंदा कारतूस जब्त किए। वहीं, इसी अवधि में पश्चिमी जिले की पुलिस 284 और जोधपुर जिला ग्रामीण पुलिस 175 जिंदा कारतूस जब्त कर चुकी हैं। अगस्त में भी सौ से अधिक कारतूस जब्त किए गए हैं।
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जांच कर रहे हैं—
अवैध हथियारों के साथ मिलने वाले जिंदा कारतूस मिलना चिंता का विषय है। इसके संबंध में जांच की जा रही है। हथियार व कारतूस निर्माताओं की बैठक ली गई है। उनसे भी जानकारी ली जा रही है।
रविदत्त गौड़, पुलिस कमिश्नर जोधपुर।

Source: Jodhpur

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