बाड़मेर. सालों पहले जिस प्लाटून की कमान संभाली थी और अपने सिपाही को खोया था, उसके परिवार वालों का हाल जानने सेवानिवृत्ति के बाद लेफि्टनेंट जनरल केरल से बाड़मेर आए। उन्होंने वीरांगना से मुलाकात की तो शहीद की बच्ची से जानकारी ली। गौरतलब है कि आसाम में बोड़ो उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान 2000 में उगमसिंह जो सेना में देश सेवा के दौरान शहीद हो गए थे, वे 13 गिरनेडियर में सेवारत थे जिसमें राजान रविन्दरान कमान अधिकारी थे। अब लेफि्टनेंट जनरल पद से सेवानिवृत्ति के बाद भी वे शहीद उगमसिंह की शहादत को नहीं भूले। इतने सालों बाद उन्होंने निर्णय किया कि वे शहीद के परिजन से मिलकर हालचाल जानेंगे। इस पर वे विलिगटन केरला से पत्नी राधिका रविन्दरान के साथ बुधवार को बाड़मेर पहुंचे।
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उनकी आगुवाई अखिbल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद बाडमेर के अध्यक्ष कैप्टन हीरसिंह भाटी, संस्था उपाध्यक्ष खीमाराम चौधरी, कैप्टन मोहनसिंह, सैनिक कल्याण बोर्ड बाडमेर के सुबेदार पोकर सिंह, सुबेदार भीयाराम, हवालदार करनाराम, समाजसेवी किशोरसिंह कानोड़ सहित जिले के गौरव सैनिकों व नागरिकों ने की।
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लेफि्टनेंट जनरल राजान ने बाड़मेर के शहीद सर्कल सिणधरी रोड पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने 29 शहीदों के नाम देख कर कहा कि सीमांत जिला बाडमेर तो शहीद पैदा करने की जननी है। घन्यवाद है इस धरती को जिनसेन देश को शहीद दिए। वीरांगना किरनकंवर, बेटी ज्योति राठौड़, माता जडाकंवर, भाई मदन सिंह व अनोप सिंह पिता कैप्टन हीर सिह भाटी, ससूर कुपिंसह से मिले। परिवार का हालचाल जाना।
Source: Barmer News