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समदड़ी. (बाड़मेर) .

विवेक बेटा मैंने चोरी नहीं की… मैं मरना (sucide) तो नहीं चाहता था लेकिन मुझे बदनाम कर दिया। सब को मेरा राम राम कहना…मेरी मौत का जिम्मेदार खत्री समाज है।कस्बे के खत्री पंचायत भवन में संचालित रघुनाथ मंदिर के पुजारी ने सुबह मंदिर परिसर में ही फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद परिजनों ने एक सुसाइड नोट पुलिस को सौंपा है, जिसमें एक समाज को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस सुसाइड नोट और घटनाक्रम की जांच कर रही है।

पुलिस ने बताया की भीमदास (52) पुत्र रूपदास संत ने सुबह करीब पौने दस बजे मंदिर परिसर में ही फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर आसपास के लोगों ने फंदे से उतार कर अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने बताया कि मानसिक रूप से परेशान करने का सुसाइड नोट मृतक के मोबाइल में पाया गया, जो पुलिस को सौंपा गया है।

गौरतलब है कि रविवार रात को अज्ञात चोरों ने इस मंदिर में मूर्ति के नीचे स्थापित बाजोट से करीब सात किलो वजनी चांदी की परत व दान पात्र से वर्ष भर की एकत्रित नकदी पर हाथ साफ कर लिया था। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि मंदिर में चोरी के बाद खत्री समाज के कुछ लोगों ने पुजारी पर चोरी का आरोप लगाया, जिससे उन्हें गहरा सदमा लगा। इसी सदमे की वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली। परिजनों ने निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर शव लेने से मना कर दिया। समाचार लिखने तक संत समाज के लोग अस्पताल में मौजूद थे। निसं.

इनका कहना है-

पुजारी ने मंदिर में आत्महत्या की। इसके पीछे नामजद रिपोर्ट मिली है जिसमें आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। इसी आरोप का सुसाइड नोट भी परिजनों ने पेश किया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

– दाऊद खान, थानाधिकारी

Source: Barmer News

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