बाड़मेर. लम्पी बीमारी का प्रकोप बाड़मेर जिले में अभी भी जारी है। पिछले करीब चार महीनों में हजारों गोवंश लम्पी का शिकार हो चुका है। वहीं वायरस के प्रकोप से एक लाख से अधिक गोवंश अब तक प्रभावित हुआ है। विभाग की ओर से कुल गोवंश की मौत का आंकड़ा गुरुवार को 2743 बताया गया। जबकि गोवंश के मौत के मामले हजारों में है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक लाख से अधिक पशु वायरस से ग्रसित हुए है। अभी भी सैकड़ों नए केस सामने आ रहे हैं। जबकि विभाग मौतें 2743 ही बता रहा है। वही बेआसरा पशुओं की मौतें और बीमारी से ग्रस्त के आंकड़ों से विभाग भी बेखबर है।
पशुपालन विभाग की टीमें जिले के प्रभावित इलाकों में पहुंच रही है। करीब 9.65 लाख से अधिक पशुओं का सर्वे किया जा चुका है। इसमें विभाग ने कुल एक लाख से अधिक को लम्पी से ग्रस्त पाया है। इसमें अभी करीब आधे से अधिक पशुओं का उपचार चल रहा है।
हजारों पशुओं तक नहीं पहुंचा उपचार
जिले के सैकड़ों गांव ऐसे है, जहां पर पशुओं को उपचार नहीं मिला। खासकर पशु चिकित्सा कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश के दौरान लम्पी ग्रस्त पशुओं की मौतें उपचार समय पर नहीं मिलने के कारण अधिक हुई। जबकि विभाग का दावा है पिछले कुछ समय से वायरस का प्रकोप कम होने के कारण मौतों का आंकड़े के साथ नए केस कम हुए है। विभाग ने गुरुवार को जिले में कुल 371 नए केस और 9 पशुओं के मौत की जानकारी दी है।
विभाग के आंकड़े
अब तक जिले के प्रभावित क्षेत्रों में 965388 पशुओं का सर्वे किया गया। जिसमें 102158 पशु लंपी स्कीन डिजीज से प्रभावित पाए गए। वहीं 99984 पशुओं का मौके पर ही उपचार किया। जबकि 80287 पशु बीमारी से स्वस्थ हुए। जिले में कुल 47520 पशु उपचाराधीन है। अब तक 2743 पशुओं की मृत्यु हो गई है।
कम हुए है नए केस
जिले के पंचायत समिति मुख्यालयों पर तैनात की गई टीमों ने गुरुवार को लंपी रोग से ग्रसित 371 पशुओं का मौके पर ही उपचार किया। जबकि 8 पशुओं की मृत्यु हुई है। लम्पी का प्रकोप कम हुआ है।
-डॉ. विनयमोहन खत्री, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग बाड़मेर
Source: Barmer News