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जोधपुर. पर्यावरण की दृष्टि से शहर की लाइफ लाइन माने जाने वाले भूतेश्वर वन खंड में अतिक्रमण हटाने को लेकर राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग की ओर से जारी 14 अप्रेल 2022 के निर्देशों की खुले आम अवहेलना हो रही है लेकिन जिम्मेदार वन अधिकारी आंखे मूंदे बैठे है। नतीजन अतिक्रमण करने वालों के हौसले दिनों दिन बुलंद होते जा रहे है। राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग की ओर से जोधपुर के भूतेश्वर वन क्षेत्र में अतिक्रमण रोकने प्रभावी कार्रवाई व उन्हें हटाने के आदेश के पांच माह के बावजूद हालात बद से बदत्तर होते जा रहे है। भूतेश्वर वन खंड की 184.76 हेक्टेयर जमीन पर 11 से अधिक कच्ची बस्तियां आबाद होने के बाद वनकर्मियों की मिलीभगत से आसपास की पहाडि़यों पर अतिक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। उच्चतम न्यायालय ने 12 दिसम्बर 1996 को देश के किसी भी वन क्षेत्र में किसी भी तरह के गैर वानिकी कार्य को रोकने के आदेश दिए थे।

वन भूमि एक नज़र में
राजस्थान राज्य की कुल वन भूमि 32845.30 वर्ग किमी . है जो कि राज्य के कुल क्षेत्रफल 342239 वर्ग किमी . का 9.59 प्रतिशत है । उक्त वन भूमि में से 12252.28 वर्ग किमी आरक्षित , 18494.97 वर्ग किमी रक्षित तथा 2098.04 वर्ग किमी अवर्गीकृत है । अवर्गीकृत वन भूमि को अधिसूचित करवाये जाने के प्रयास नही किए जा रहे है।

पांच महीने पहले गठित हुई थी कमेटी

राज्य मानवाधिकार आयोग ने 14 अप्रेल 2022 को जिला प्रशासन और वन विभाग अधिकारियों की एक संयुक्त कमेटी गठित कर भूतेश्वर वन क्षेत्र में अतिक्रमण हटाकर पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा था। लेकिन कमेटी की ओर से अब तक कोई कार्रवाई करना तो दूर बल्कि क्षेत्र में उलटे अतिक्रमण की संख्या बढ़ती जा रही है।

-रामजी व्यास, पर्यावरणविद जोधपुर

Source: Jodhpur

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