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जोधपुर।
भले ही प्रदेश में अधिकांश सरकारी व अर्द्धसरकारी कार्मिकों को राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) सुविधा का लाभ मिलता हो लेकिन राजस्थान सहकारी डेयरी फैडरेशन के अधीन आने वाले कर्मचारियों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में एक हजार से अधिक कर्मचारी महंगे निजी अस्पतालों में इलाज करवाने को मजबूर है।
राज्य सरकार ने एक साल पहले ही आरजीएचएस योजना शुरू की थी। इसमें सरकारी कर्मचारियों से हर महीने नियमानुसार अंशदान लेकर निशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है। इसमें सरकारी के साथ अर्द्धसरकारी संस्थाएं भी शामिल है लेकिन राजस्थान सहकारी डेयरी फैडरेशन को इसमें शामिल नहीं किया गया। इसके चलते कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में कर्मचारियों को चिंरजीवी योजना से संतोष करना पड़ रहा है।
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क्या है आरजीएचएस योजना

राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2020-21 बजट में सेन्ट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम की तर्ज पर आरजीएचएस स्कीम लागू की थी। प्रदेश में यह योजना कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए लागू की गई है।

5 हजार से अधिक कर्मचारी प्रभावित
आरजीएचएस योजना में राजस्थान सहकारी डेयरी फैडरेशन अर्द्धसरकारी कार्मिकों का अंशदान पहले 60 हजार रुपए प्रति कर्मचारी तय हुआ था, इसमें फैडरेशन तैयार हो गया। बाद में सरकार ने अंशदान बढ़ाकर 1.05 लाख रुपए कर दिए। इसमें भी फैडरेशन ने सहमति जता दी लेकिन सरकार की ओर से बात आगे नहीं बढ़ी। ऐसे में फैडरेशन के कार्मियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में डेयरी संघों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या करीब 1200 है और सेवानिवृत्त कार्मिक चार हजार है।

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डेयरी कार्मिकों को आरजीएचएस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। हम सरकार की ओर से तय अंशदान देने को तैयार है। इस बारे में मुख्यमंत्री को भी अवगत करवाया है लेकिन अभी इस बारे में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं हुआ।
सुधीर शर्मा, एमडी
जोधपुर सरस डेयरी

Source: Jodhpur

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