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स्वास्थ्य सेवाओं में बाड़मेर का दायरा बढ़ता जा रहा है। कभी छोटी-मोटी बीमारी के उपचार के लिए जोधपुर व गुजरात जाना पड़ता था। राजकीय मेडिकल कॉलेज शुरू होने के साथ बढ़ती स्वास्थ्य सुविधाओं से मरीजों को बड़ी राहत मिल रही है। कॉलेज संचालन के तीन साल हो चुके है। साल दर साल कॉलेज से सम्बद्ध जिला अस्पताल में सुविधाओं में हो रहे इजाफे से मरीजों का उपचार संभव हो पाया है। अन्यत्र जाने से मुक्ति मिली है। वहीं बाड़मेर के आसपास के क्षेत्रों से भी लोग यहां उपचार को पहुंच रहे है। कॉलेज के साथ बढ़ी सुविधाओं का जिले को फायदा मिल रहा है।
लाइफ सेविंग : नवजात को मिल रही नई जिंदगी
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बच्चों के लिए बेहतरीन सुविधाएं है। हर महीने एनआइसीयू और एसएनसीयू में करीब 250-300 नवजात को नई जिंदगी मिल रही है। वेंटिलेटर युक्त चिकित्सा सुविधाएं मिलने से गंभीर नवजात बच्चों को बेहतर उपचार मिल रहा है। बच्चों के उपचार के लिए दो यूनिट काम कर रही है।
ब्लड डोनेशन : दूसरे जिलों तक पहुंच रहा रक्त
जिला अस्पताल की ब्लड बैंक में रक्तदान की कभी कमी नहीं आई है। यहां नियमित रूप से रक्तदान करने वाले आते है। यहां तक की अन्य ब्लड बैंक को जरूरत होने पर बाड़मेर ने उन्हें भी रक्त दिया है। यहां कई बार क्षमता से अधिक रक्तदान होता रहा है। ऐसे में कई कैम्प में अन्य जिलों की ब्लड बैंक टीमों को भी बुलाया जाता है। जो यहां से रक्त एकत्रित करके ले जाते हैं। अब ब्लड सेपरेशन यूनिट का काम भी शुरू हो चुका है।
हैल्थ टेस्ट : बढ़ रहे हैं आधुनिक संसाधन
अस्पताल में जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। मरीजों के जांच के लिए अत्याधुनिक मशीनें लगाई जा रही है। जिसमें हृदय जांच, कान के पदेज़्, मोतियाबिंद का ऑपरेशन सहित कई बीमारियों की जांच की आधुनिक मशीनों के साथ कैंसर डिटेक्शन आदि की सुविधाएं भी मरीजों को मिलने लगी है।
बड़े ऑपरेशन सफल
विशेषज्ञों की सुविधाएं मिलने से बड़े ऑपरेशन संभव हो पा रहे हैं। रीविजन टोटल हिप रिप्लेसमेंट सजज़्री के ऑपरेशन हो रहे हैं। विशेषज्ञों की टीमें संयुक्त रूप से जटिल ऑपरेशन को सफल रूप से अंजाम दे रही है। कैंसर जैसे गंभीर रोग के ऑपरेशन होने से बाड़मेर में उपचार करवाने के प्रति मरीजों में विश्वास बढ़ा है।
सवेज़्: एनीमिया खत्म करने की पहल
बाड़मेर जिले में पिछले दिनों किए गए सवेज़् में 1.34 लाख लोग खून की कमी से ग्रस्त पाए गए। जिला कलक्टर लोक बंधु की पहल पर चिकित्सा विभाग की ओर से किए गए सवेज़् में 19 साल के लोगों को शामिल किया गया था। प्रभावित लोगों में एनीमिया खत्म करने के लिए विभाग और संस्थाओं के स्तर पर अलग-अलग कायज़्क्रम आयोजित करने के साथ पोषण और दवाओं से उनका उपचार जारी है।

चिकित्सा सुविधाओं पर नजर

मेडिकल काॅलेज अस्पताल : 01

चिकित्सक : 73

ऑक्सीजन प्लांट : 06

लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट – 02-निर्माणाधीन

आइसीयू : 03

वार्ड : 12

जिला अस्पताल : 01

उपजिला अस्पताल : 02

सीएचसी : 29

पीएचसी : 112

सब सेंटर : 755

जिले में चिकित्सक : 270

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राजकीय मेडिकल कॉलेज बाड़मेर के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. आरके आसेरी से बातचीत

सवाल: मेडिकल कॉलेज विस्तार की क्या योजना है ?

जवाब: कॉलेज के पास ही 500 बेड का अत्याधुनिक अस्पताल निर्माणाधीन है। काफी तेजी से काम चल रहा है। उम्मीद है कि एक से डेढ़ साल में पूरा कर लिया जाएगा। ग्राउंड फ्लोर की छत तक काम पहुंच गया है। बाड़मेर में मेडिकल क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा। जिसकी शुरूआत हो चुकी है और भविष्य में यहां पर बेहतरीन सुविधाएं के साथ चिकित्सक भी उपलब्ध होंगे।

विस्तार के बाद किस तरह की सुविधाएं बढ़ेगी ?

मेडिकल कॉलेज के विस्तार के बाद यहां पर सुपर स्पेशियलिटी के साथ बड़े शहरों में मिलने वाली समस्त चिकित्सा सुविधाएं मिलेगी। खासकर सर्जरी की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होगी। जिसमें ईएनटी सहित आर्थोपेडिक भी शामिल है। इसके लिए नए ओटी तैयार किए जा रहे है। पहले अस्पताल में 4 ओटी थे जो बढ़कर 14 हो जाएंगे। जिसका मरीजों को बड़ा फायदा मिलेगा।

विशेषज्ञों व कर्मचारियों की कमी से किस तरह की परेशानियांं आती है ?

सुपर स्पेशियलिटी के लिए चार पोस्ट की मंजूरी मिल चुकी है। इसमें कॉडियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, गेस्ट्रोएंटोलॉजी व नेफ्रोलॉजी विभाग शामिल है। यह सुविधाएं बाड़मेर जिले के लिए सौगात से कम नहीं है। नर्सिंग भर्ती के लिए भी कॉलेज व सरकार के स्तर पर प्रयास जारी है। वहीं टैक्नीशियन को बढ़ाने की कोशिश जारी रही है। चिकित्सक की संख्या भी अस्पताल में पर्याप्त है।

मरीजों को बेहतर चिकित्सा के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं ?

कॉलेज शुरू होने के बाद बाड़मेर में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध करवाए जाने के प्रयास किए जा रहे है। अब मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सकों की पूरी टीम है। आने वाले दिनों में ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि प्रत्येक वार्ड में 24 घंटे चिकित्सक मिलेंगे। एमआरआई और ट्रोमा सेंटर प्लान में है। ट्रोमा के लिए 4.50 करोड़ की मंजूरी मिल चुके हैं।

Source: Barmer News

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