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जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर दौरे पर आकर शहर की खस्ताहालत सड़कों को लेकर कहा था कि जिन अधिकारियों को उनके गृह जिले में रहना है तो सड़कें सही करनी पड़ेगी। अब असर ये हैं कि शहर के कई चौराहों पर सावर्जनिक निर्माण विभाग व जोधपुर विकास प्राधिकरण ने कार्य कराना शुरू करवा दिया है। अभी तक भी कई सड़कें ऐसी हैं, जहां कार्य होना शेष है। क्षेत्राधिकार का विभाजन देखे तो अब नगर निगम के पास महज गली-मोहल्ले के संकरे रास्ते बचे है। ज्यादातर जगहों पर कार्य पीडब्ल्यूडी व जेडीए करवा रहा है।गली-मोहल्लों में उधड़ी पड़ी सड़कें

शहर के ज्यादातर मुख्य चौराहे व चौपहिया वाहन गुजरने के रास्ते पीडब्ल्यूडी व जेडीए के अंतर्गत है। यहां पर लगभग पेचवर्क व डामरीकरण का कार्य शुरू हो चुका है। निगम के पास पैसों की किल्लत के चलते ज्यादातर जगहों पर सार्वजनिक निर्माण विभाग व जेडीए के हस्ते ही पेचवर्क व डामरीकरण करवाया जा रहा है।

मंडोर में कई जगह सड़कों की हालत बेकारमुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधानसभा क्षेत्र सरदारपुरा में अभी कई इलाके ऐसे हैं, जहां सड़क पर निर्माण कार्य बाकी है। संपूर्ण डामरीकरण तो कहीं पेचवर्क की दरकार है। मंडोर क्षेत्र में मगरा पूंजला रोड जगह-जगह से उधड़ी पड़ी है। गोकुलजी की प्याऊ रोड पर तो सारी मिट्टी बाहर निकलकर आ रही है। गड्ढे व मिट्टी बाहर निकलने जैसी हालत नरसिंहजी की प्याऊ रोड की भी है। यहां भी किसी प्रकार की सारसंभाल नहीं हुई है।

वहीं पुलिस लाइन रोड में भी सड़क से पत्थर बाहर निकलकर आए हुए हैं। ऐसी जगहों पर सर्वाधिक दुर्घटनाओं का अंदेशा रहता है। वहीं मधुबन-केके कॉलोनी में सड़क सुधार का कार्य बाकी है।

यहां सुधरी है दशाएं

सरकारी निर्माण एजेंसियों ने मुख्यमंत्री के बयान के बाद सर्वप्रथम वीआइपी सड़कों को दुरुस्त करने का कार्य शुरू किया है। जिसमें सर्किट हाउस रोड पर डामरीकरण कर दिया गया है। इसके बाद पुलिस कमिश्नर कार्यालय के सामने की सड़क पर भी डामरीकरण चल रहा है। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी कार्य चल रहे हैं।

नवचौकिया से फतेहपोल की सड़क मांग रही मरम्मत

नवचौकिया से फतेहपोल के मार्ग की पूरी सड़क मरम्मत मांग रही है। अक्सर यहां मेलों के वक्त निर्माण एजेंसी सीसी सड़क पर पेचवर्क कर देती है। मानूसन व बिना मानसून की एक बारिश में सारा पेचवर्क बाहर आ जाता है। ये सड़क पीडब्ल्यूडी के क्षेत्राधिकार की है। जिसकी बीते दो दशक से कोई सुध नहीं ली गई। जनप्रतिनिधि भी कोई रूचि नहीं दिखा रहे हैं।

Source: Jodhpur

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