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जोधपुर. कांग्रेस नेता अशोक गहलोत मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज रहेंगे अथवा कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल होंगे, यह अभी भविष्य के गर्भ में है। इस सियासी उठापटक के बीच जोधपुर के अधिकांश कांग्रेस नेता गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए रखने के पक्ष में है। उनका कहना है कि अध्यक्ष का फैसला होने तक गहलोत को मुख्यमंत्री पद पर बना रहना चाहिए। बाद में यदि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाते हैं तो स्वयं ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। इस मुद्दे पर पत्रिका ने जोधपुर जिले के कांग्रेस नेताओं की राय जानी।

अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद पर बने रहने चाहिए। उन्होंने उदयपुर की कांफ्रेंस में स्वयं कहा था कि एक व्यक्ति के पास एक ही पद पर रहना चाहिए। वे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद स्वयं मुख्यमंत्री का पद त्याग देंगे।

नरेश जोशी, अध्यक्ष, शहर कांग्रेस(दक्षिण)

अशोक गहलोत जब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष न बन जाएं तब तक उन्हें मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया जाना चाहिए। अभी तक उनके पास एक ही पद है। फिर, दो पद का मुद्दा कहां से आ गया। अभी तक गहलोत ही मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहें।

सलीम खान, अध्यक्ष, शहर कांग्रेस (उत्तर)

जिस व्यक्ति ने खुद की सरकार काे गिराने का काम किया, ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री कैसे बनने दें। सवाल यह है कि कांग्रेस की विचारधारा जिंदा रहनी चाहिए। अशोक गहलोत पहले अध्यक्ष बन जाएं, फिर मुख्यमंत्री रहेंगे या नहीं इस पर बात होनी चाहिए।

रामनिवास बुधनगर, अध्यक्ष, यूथ कांग्रेस

लोकतंत्र में अपनी बात कहने का सभी को अधिकार है। जब किसी के पास भारी बहुमत है तो वह अपनी बात प्रभावी ढंग से रखने का प्राकृतिक अधिकार रखता है। आलाकमान को भी इसी को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए।

सुनील चौधरी, कांग्रेस नेता व पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष

Source: Jodhpur

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