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झोलाछाप से बचे, ये लेते है मासूमों की जान
चौहटन. एक झोलाछाप की लापरवाही से गुरुवार को एक और मासूम की जान जाने का मामला सामने आया है। इस मासूम बालिका की मौत के बाद ग्रामीणों का विरोध शुरू होने पर पुलिस और प्रशासन के साथ चिकित्सा विभाग के अधिकारी सकते में आ गए। जानकारी के अनुसार क्षेत्र के मिठे का तला गांव में झोला छाप की लापरवाही से 13 वर्षीय बालिका की मृत्यु हुई। इस नाबालिग को सामान्य वायरल बुखार होने पर वह अपने दादा के साथ मिठे का तला गांव की एक क्लिनिक में इलाज करवाने के लिए आई थी। झोलाछाप ने बिना जांच किए अपने अंदाज में इलाज शुरू कर दिया। कुछ देर बाद बच्ची की हालत बिगड़ते देख उसने आनन फानन में अपने हाथ खींच कर बाड़मेर जाने के लिए कह दिया। बच्ची के परिजन इसे गंभीर स्थिति में बाड़मेर के लिए रवाना हुए, लेकिन बच्ची ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

इलाज के दौरान बालिका बेहोश

जानकारी के मुताबिक धुड़ी (14) पुत्री गोरधनराम भील को साधारण बुखार होने पर वह अपने दादा भंवराराम के साथ मिठे का तला स्थित झोलाछाप हीरालाल के क्लिनिक पर आई थी। ग्रामीणों के मुताबिक इलाज के दौरान दोपहर 1 बजे वह बेहोश हो गई, लेकिन यह झोलाछाप अपना इलाज करता रहा। जब शाम 4 बजे तक भी हालत नहीं सुधरी तो उसने हाथ निकाल कर यहां से अन्यत्र जाने के लिए कह दिया, परिजन उसे बाड़मेर लेकर रवाना हुए, लेकिन बच्ची की बीच रास्ते में मौत हो गई। बच्ची की मौत की खबर लगने व आक्रोशित ग्रामीणों भीड़ को देखते ही झोलाछाप अपने क्लिनिक पर ताला लगा कर मौके से भाग गया।

पुलिस में मामला दर्ज

इस संबंध में मृतका धूड़ी के चाचा लाधुराम पुत्र भंवराराम ने पुलिस को रिपोर्ट सुपुर्द कर क्लिनिक संचालक हीराराम पुत्र मूलाराम निवासी दूदू धोरीमन्ना के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया है। पुलिस के परिजनों व ग्रामीणों को समझाने के बाद नहीं मानने पर शव चौहटन अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। आगामी कार्रवाई शुक्रवार को होगी। उधर चिकित्सा विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। परिजनों ने दोषी झोलाछाप की गिरफ्तारी की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू किया।

Source: Barmer News

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