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दिलीप दवे बाड़मेर. थार की बालिकाएं सरकारी नीतियों के चलते सरस्वती वंदना से दूर होती जा रही है। पहले से ही बालिका स्कूलों को टोटा था और महात्मागांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खुलने पर दस विद्यालय इसमें परिवर्तित कर दिए। ऐसे में अब जिले के 21 में से 12 ब्लॉक मुख्यालय पर बालिका स्कूल का टोटा है। इसका असर बालिका शिक्षा पर पड़ रहा है और बालिकाएं बड़ी कक्षाओं में आने से पहले स्कूल छोड़ रही है।

नवरात्र त्योहार दुर्गा स्वरूपा बालिकाओं की पूजा की प्रेरणा देता है लेकिन थार की दुगाएं सरकारी उपेक्षा के चलते शिक्षा से दूर होती जा रही है तो वे आगे बढ़कर कर कैसे समाज में अलग मुकाम हासिल कर पाएंगी। जिले व प्रदेश में पहले ही बालिका विद्यालय सह शिक्षा से काफी कम है। प्रदेश में 66099 व जिले में 4850 सह शिक्षा स्कूल है जबकि बालिका विद्यालय 3303 व 114 ही है। रही-सही कसर अंग्रेजी मीडियम स्कूल खुलने से पूरी हो गई। सरकार ने अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले तो बालिका विद्यालय बंद हुए और वे महात्मागांधी में परिवर्तित हो गए। इस पर जिले में सात ब्लॉक मुख्यालय पर बालिका विद्यालयों पर ताला लटक गया तो तीन अन्य स्कूल भी बंद हुए। इस पर इनमें पढ़ने वाली बालिकाएं हिंदी माध्यम के विद्यालय में जाने या फिर पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो रही है।

 

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ये बालिका स्कूल हुए बंद

जिले में राबाउमावि गुड़ामालानी, राबाउमावि धोरीमन्ना, राबामावि रामसर,राबाउमावि शिव, राबाउमावि सिणधरी,राबाउप्रावि धनाऊ, राबाउप्रावि कल्याणपुर, .राबाउप्रावि कनाना (बालोतरा), 9. राबाउप्रावि पारलू (बालोतरा) व राबाउप्रावि असाडा (बालोतरा) को महात्मागांधी में प रिवर्तित करने पर इनको बंद किया गया।

 

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प्रत्येक ब्लॉक मुख्यालय पर खुले बालिका विद्यालय

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की तर्ज पर बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक ब्लॉक मुख्यालय पर अलग से बालिका विद्यालय होना चाहिए। जिन ब्लॉक मुख्यालयों पर बालिका विद्यालयों को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम में रूपांतरित किया गया है। उन ब्लॉक में पुन: नए बालिका विद्यालय खुलने चाहिए। – बसंत कुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा

Source: Barmer News

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