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बाड़मेर. कृषि विज्ञान केंद्र गुडामालानी में चल रहे बकरी व भेड़ पालन के प्रशिक्षण का समापन गुरुवार को हुआ। इस अवसर पर प्रो. डॉ. ईश्वर सिंह प्रसार शिक्षा निदेशालय, कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर ने कहा कि बकरी पालन प्रारंभिक एवं पौराणिक समय में पशुपालन का एक अभिन्न अंग रहा है। अन्य पशुओं के पालन की अपेक्षा आर्थिक रूप से बहुत ही लाभप्रद व्यवसाय है। सभी युवाओं को बकरी एव भेड़ पालन का वैज्ञानिक ढंग से प्रशिक्षण प्राप्त कर मॉडल व्यवसाय बनाना चाहिए।

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डॉ. बी. एल. मीणा वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने कहा कि जिले में बकरी व भेड़ की सबसे अधिक संख्या होने के बावजूद भी आशा अनुरूप रोजगार सर्जन नहीं हो रहा है। इसलिए छोटे व सीमांत किसानों तथा सामाजिक व आर्थिक व पिछड़े लोगों की आय में वृद्धि करने के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण की महती ही आवश्यकता है। डा. बी एल. जाट ने में जैविक खेती और प्राकृतिक खेती पर जोर देने की बात कही। डॉ. गीतेश मिश्र विषय विशेषज्ञ पशुपालन , डा. रावता राम भाखर ने भी विचार व्यक्त किए।संचालन गंगाराम माली ने किया।

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इसे भी पढ़े…ग्वार में फसल खराबे को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
बाड़मेर. ग्वार की फसल के खराबे के मामले में भाजपा नेता राजेंद्रसिंह भिंयाड़ के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम ज़िला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा । इसमें ग्वार को हुए नुकसान की जानकारी देते हुए गिरदावरी करवा कर किसानों को मुआवजा देने की मांग की गई। उन्होंने बताया कि इस बार जिले में ग्वार की फसल को नुकसान हुआ है, फली नहीं लगने से किसान बर्बाद हो रहे हैं, ऐसे में सरकार सर्वे कर मुआवजा दिलवाएं। सरपंच संघ के ज़िलाध्यक्ष हिंदुसिंह सोढा ,कैलाश कोटड़िया, सवाई कुमावत, परागसिंह रामसर, मोहनसिंह गोरड़िया, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष छगन मेघवाल आदि ने ज्ञापन सौंपा।

Source: Barmer News

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