देश ही नहीं विदेशों तक बालोतरा के कपड़े की पहचान
700 से अधिक कारखानों में कपड़ा उत्पादन
बालोतरा-जसोल बिठूजा में वस्त्र धुपाई, रंगाई, छपाई के 700 से अधिक कारखाने संचालित हो रहे हैं। प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रूप से करीब एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है। यहां सहज व सुलभ रोजगार उपलब्ध होने से आसपास के गांव से हजारों लोग आसपास ही आकर बस चुके हैं। इससे उद्योग के साथ शहर का भी बहुत तेजी से विकास हुआ है। यहां उच्च क्वालिटी की तैयार होने वाली पोपलीन की पूरे देश में वर्षभर मांग रहती है। इससे यहां उद्योग लगने की और संभावना बनी हुई है। आने वाले कुछ सालों में बालोतरा का वस्त्र उद्योग पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा उद्योग बनेगा।
रोजाना तैयार होता कपड़ा
8 हजार करोड़
प्रतिदिन ग्रे-गांठ आवक
1 करोड़ मीटर
रसायन-कलर सालाना कारोबार
40-45 हजार
कारोबार हर साल
उद्योग विकास की संभावना
बालोतरा में उच्च क्वालिटी की पोपलीन तैयार होती है। यहां का पानी व वातावरण अनुकूल होने पर तैयार होने वाली पोपलीन की मांग पूरे वर्ष देशभर में रहती है। इससे उद्योग बहुत अधिक तेजी से फला- फूला है। प्रत्यक्ष रूप से एक लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। उद्योग विकास की प्रबल संभावना है।
– जितेन्द्र भण्डारी, उद्यमी बालोतरा
मेहनत से स्थापित
पांच दशक पहले बालोतरा में उद्योग नहीं था। कुछ लोग पारंपरिक रूप से कपड़े की रंगाई छपाई का काम करते थे। इनसे प्रेरित होकर उद्योग की नींव रखी। मेहनत व लगन से उद्योग को खड़ा किया। पश्चिमी राजस्थान के बड़े उद्योगों में बालोतरा एक है।
– जसवंत गोगड़, अध्यक्ष लघु उद्योग मण्डल समिति बालोतरा
Source: Barmer News