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रतन दवे

बाड़मेर.
प्रदेश के दो बड़े प्रोजेक्ट जिसके बूते न केवल बाड़मेर बल्कि पूरे राजस्थान में आर्थिक मजबूती के सपने चार साल पहले दिखाए गए थे दोनों ही 2022 में पूरे नहीं हुए है। रिफाइनरी का प्रोजेक्ट दो साल आगे खिसक गया है तो इधर बाड़मेर से उत्पादित होने वाले क्रूड ऑयल का उत्पादन भी 1.10 लाख प्रति बैरल पर लाकर अटका दिया गया है। कंपनी की उत्पादन को 2012-13 के बाद लगातार घटा रही है।
मेगा प्रोजेक्ट रिफाइनरी के लिए बाड़मेर के तेल की खपत प्रतिदिन 5.50 लाख बैरल रहेगी। 16 जनवरी 2018 बाड़मेर में रिफाइनरी के कार्य शुभारंभ पर केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने 2022 में बाड़मेर में तेल का उत्पादन 5.50 लाख बैरल प्रतिदिन पहुंचने के लिए न केवल मौजूदा तेल क्षेत्र अपितु 10 नए ब्लॉक से भी उत्पादन की संभावनाओं का वादा किया था। बाड़मेर में एक लाख करोड़ से अधिक व्यय कर तेल उत्पादन को 5.50 लाख बैरल पहुंचाना था लेकिन 2022 में तेल उत्पादन बढऩे की बजाय घट गया है।
09 साल पहले था 2.25 लाख बैरल प्रतिदिन
वर्ष 2012-13 में बाड़मेर में तेल उत्पादन 2.25 लाख बैरल प्रतिदिन पहुंच गया था लेकिन अब यह 1.10 लाख बैरल प्रतिदिन पर आ गया है। तेल उत्पादन नौ साल से लगातार घट रहा है। कंपनी और सरकार इसको लेकर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
घटाते रहे उत्पादन
– अंतरर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें कम होने पर कंपनी ने 2.25 लाख बैरल के प्रतिदिन उत्पादन को गिराकर 2019-20 तक 1.50 लाख बैरल प्रतिदिन पर ला दिया।
– 2019 से 2021 तक तीन साल के कोरोनाकाल में तेल का उत्पादन 1.10 लाख बैरल प्रतिदिन पर आ गया और इसको कोरोना संकट बताया गया।
– 2022 के बाद से अब भी 1.10 लाख बैरल प्रतिदिन ही उत्पादन हो रहा है
यह माने जा रहे है कारण
– कंपनी और केन्द्र सरकार के बीच में उत्पादन साझा अनुबंध को लेकर मामला अटका हुआ है
– कंपनी की ओर से बाड़मेर फिल्ड के साथ ही अब गुजरात की ओर भी निवेश पर ध्यान दिया जा रहा है
– बाड़मेर ऑयल फील्ड की उम्र अब 20 साल हुई है, तेल की संभावनाओं को लेकर नए ब्लॉक का भी इंतजार है
– रिफाइनरी के निर्माण तक क्रूड ऑयल उत्पादन को कंपनी स्थिर किए हुए है

Source: Barmer News

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