जोधपुर।
अवैध तरीके से गैस चुराकर दूसरे सिलेण्डर में भरने के दौरान आग व विस्फोट से जिंदा जलने वाले मासूम भाई व दो बहनों (Burnt alive of 2 sisters and one brother) का रविवार को अन्नासागर स्थित श्मशानस्थल में एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया (funeral on the same pyre of 2 sisters and one brother) गया। जिंदगी व मौत से जूझ रही मां महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती होने से तीनों बच्चों के अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाई। तीनों की अंतिम विदाई से परिजन के साथ ही मोहल्लेवासियों की आंखें भर आईं। बहते आंसूओं के बीच पिता ने तीनों बच्चों को मुखाग्नि दी।
गैस सिलेण्डरों में आग व विस्फोट से शनिवार को अन्नासागर गली-1 निवासी भोमाराम लोहार की पुत्री कोमल व नीकू, पुत्र विक्की और सुरेश लोहार जिंदा जल गए थे। पुलिस ने रविवार सुबह कार्रवाई के बाद चारों शव परिजन को सौंपे।
सुरेश का शव परिजन नागौर में मेड़ता रोड के पास पैतृक गांव ले गए। जबकि तीनों मासूम भाई-बहनों के शव किशोरबाग में भोमाराम के चाचा के घर लाए गए।मासूम बच्चों के जले शव देख घरवालों की रुलाई फूट गई। वहां एकबारगी कोहराम मच गया। फिर तीनों की अंतिम यात्रा शुरू हुई। जो अन्नसागर में श्मशानस्थल पहुंची। वहां एक ही चिता पर तीनों भाई बहनों का अंतिम संस्कार किया गया।
मां व एक बहन अस्पताल में भर्ती
हादसे में भोमाराम की पत्नी सरोज व एक अन्य पुत्री निरमा भी झुलसे हैं। जो एमजीएच की बर्न यूनिट में भर्ती हैं। मां सरोज तीनों बच्चों की मौत से अनभिज्ञ है। वह तीनों बच्चों के अंतिम दर्शन तक नहीं कर सकी।
स्कूल से लौटते ही जिंदा जले
परिजन का कहना है कि दोपहर सवा एक बजे तीनों मासूम बच्चे स्कूल से घर लौटे थे। कपड़े बदलकर खाना खाने की तैयारी कर रहे थे। इतने में आग लग गई और धमाकों में जिंदा जल गए। बच्चों के बैग व किताबें भी राख हो गईं।
Source: Jodhpur