रिफाइनरी के लिए भारी भरकम मशीनें पहुंचने लगी
जसोल/सिणधरी. जिसे देखो वह यह अनुपम दृश्य देखने के लिए आ रहा और सेल्फी ले रहा है। इस तरह यह लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है। लोग यहां अदभुत भारी भरकम मशीनें देखते ही रह गए। यहां के बाशिंदों ने दिन भर इसे देखने व सेल्फी लेने का आंनद उठाया। मुद्रा पोर्ट से कई बड़ी बड़ी मशीने कई महीनों तक सफर तय कर पचपदरा स्थित रिफाइनरी पहुंची हैं। यहां 1908 मीट्रिक टन वाले यह दो बॉयलर (रियक्टर) चर्चा मे रहे है।
विशेषता यह है कि यहां 1908 मीट्रिक टन वजन वाले इन दो रिएक्टरों एक का वजन 1148 है व दूसरे का वजन 760 टन है। इन्हें पांच वॉल्वो ट्रकों से खींचा जाता है। यहां पांचों वॉल्वो ट्रकों को एक के बाद एक कर के जोड़ा जाता है, ताकि इन दो बड़े बॉयलरों को आसानी से खींचा जा सके। दोनों बड़े बायलरों सही सलामत पहुंचाने में कड़ी मशक्कत करना पड़ती है। इसके लिए एक मैनेजमेंट टीम काम करती है, जिसे आगे का रास्ते क्लियर करना, विद्युत लाइनों, संकेतक बोर्ड सहित आवागमन सुचारू करवाने सहित कई तरफ के कार्य किए जाते हैं। वहीं ये बॉयलर केवल दिन में ही सफर तय करते हैं। रोज केवल 5 किमी का ही सफर तय करते हैं। ये रिएक्टर (बॉयलर ) क्रूड आयल को रिफाइंड करने के काम आएंगे।
फैक्ट फ़ाइल
●भड़ुच में निर्मित 1908 मीट्रिक टन वजन वाले दो बड़े रिएक्टर( बॉयलर )
●एक दिन में 5 किमी का सफर करते हैं तय।
●448 टायर वाले ट्रेलर पर 1148 मीट्रिक टन के बॉयलर रखे गए, जिसे खींचने के लिए 3 ट्रक एक दूसरे से जोड़े जाते हैं। एक की क्षमता 400 टन वजन खींचने की होती है।
●760 मीट्रिक टन वाले बॉयलर को 348 टायर वाले ट्रेलर पर रखा गया, जिसे खींचने के लिए दो वॉल्वो ट्रक एक दूसरे के पीछे जोड़े जाते हैं।
●मुद्रा पोर्ट से पचपदरा पहुंचने के लिए तकरीबन 25 से 30 अस्थाई रास्ते व बायपास का निर्माण।
●20 से 25 स्टाफ जो मैनेजमेंट देखते हैं, जिसमें टेक्नीशियन भी शामिल हैं।
Source: Barmer News