जोधपुर.सूर्यनगरी में गुलाबी ठंडक की दस्तक के साथ ही जोधपुर रेलवे स्टेशन से ओलम्पिक सर्किल तक के फुटपाथ पर अस्थाई तौर से तिब्बती मार्केट में स्टाल्स लगनी शुरू हो चुकी है। तिब्बत मूल के रिफ्यूजी ऊनी वस्त्र विक्रेताओं को जिला प्रशासन, नगर निगम व यातायात पुलिस प्रशासन की ओर से स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन निगम की ओर से हर साल 10 प्रतिशत किराये में बढ़ोतरी से विक्रेता संघ चिंतित है। इसका प्रमुख कारण कोरोनाकाल में एक साल अनुमति नहीं मिलना और पिछले साल अनुमति में विलंब से माल नहीं बिकना है।
बेरोकटोक जारी रहती है बच्चों की शिक्षा
तिब्बत से निर्वासित लोग अक्टूबर से लेकर फरवरी अंत तक जोधपुर में तिब्बती बाजार का संचालन करते है। जोधपुर में यह बाजार 45 सालों से चलता आ रहा है। हिमाचल प्रदेश, नैनीताल, पंजाब, चंड़ीगढ़ राज्यों से जोधपुर आते है। इन चार-पांच माह की कमाई से वर्ष पर्यन्त अपने परिवार का पालन पोषण करते है। पांच के प्रवास के दौरान उनके बच्चे भी यहां पर अस्थाई तौर पर स्कूलों में प्रवेश लेकर अध्ययन जारी रखते है।
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फिक्स रेट होंगे
प्रॉडक्टसभी स्टॉलों पर फिक्स रेट पर माल बेचा जाएगा। हर प्रॉडक्ट के साथ एक स्टीकर लगा होगा जिससे ग्राहक को यदि कोई परेशानी है तो उसे दूर किया जा सके। इस बार प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद 17 अक्टूबर तक बिक्री शुरू कर दी जाएगी।
छीमे तेमरिंग, प्रधान, तिब्बती रिफ्यूजी ऊनी वस्त्र व्यापार संघ————————————————-
अपणायत की कायल हूंमैं 20 साल से जोधपुर आ रही हूं और यहां के लोगों की अपणायत की कायल हूं।
युवतियों और महिलाओं की पसंद को ध्यान रखते हुए कई स्टाइलिश आइटम्स स्पॉटी स्वेटर, जर्सी और लॉन्ग स्वेटर, शॉल और युवाओं के लिए भी स्वेटर के अलावा आकर्षक दिखने वाले क्वालिटी जैकेट भी हैं ।
-आंगमा, ऊनी वस्त्र विक्रेता
विश्वास का संबंध 45 साल पुराना
हम यहां के मौसम, फेस्टिवल व वैवाहिक समारोह के अनुरूप ही वूलन के प्रॉडक्ट लाते है ताकि उनकी बिक्री हो सके। यही कारण है कि जोधपुर के अलावा मारवाड़ के विभिन्न जगहों से भी लोग खरीदारी करने आते है। शहरवासियों के साथ हमारा विश्वास का संबंध साढ़े चार दशकों पुराना है।
-डोलमा-ऊनी वस्त्र विक्रेता
निगम की ओर से मिले छूटऊनी वस्त्र विक्रेता दरअसल तिब्बत मूल के रिफ्यूजी है। पिछले साल कोरोना गाइडलाइन में विलंब के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा था। नगर निगम को फुटपाथ के किराए में हर साल बढ़ोतरी बंद कर छूट देनी चाहिए ताकि ये अपने परिवार का पालन पोषण कर सके।
रेशमबाला, अध्यक्ष, भारत तिब्बत मैत्री संघ जोधपुर
Source: Jodhpur