बाड़मेर. इस बार शिक्षा विभाग में तबादलों का बम्पर दौर चला। इस दौरान प्रधानाचार्य से लेकर सहायक कर्मचारी तक सभी के तबादले हुए, लेकिन तृतीय श्रेणी शिक्षकों को इस दौर में भी इंतजार ही रहा। हालांकि सरकार ने आवेदन लिए और 85 हजार शिक्षकों ने स्थानांतरण की अर्जी लगाई, लेकिन सरकार ने हरी झंडी नहीं दिखाई जिस पर तबादलों का इंतजार ही रहा।िस्थिति यह है कि बाड़मेर जिले से कई सारे वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता व प्रधानाचार्य के तबादले अन्य जिलों में होने के कारण जिले में पद रिक्तता के आंकड़ों में वृद्धि हो गई तो दूसरी ओर जिले से जिले में तबादले की गुहार लगे रहे तृतीय श्रेणी शिक्षक बाट जोहते रहे। जिले से अन्य जिले में तबादलों के साथ-साथ बड़ी मात्रा जिले के अंदर भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर तबादले होने के कारण विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों व मुख्यालयों के नजदीक विद्यालयों में पद भरने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में पद ज्यादा रिक्त हुए हैं।
यह भी पढ़ें: चार महात्मागांधी स्कूल बदले
पहले काटे सिफारिश के चक्कर, अब सूची जारी करने की गुहार- राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों के लिए पहले जब आवेदन मांगे तो शिक्षकों ने जनप्रतिनिधियों विशेषकर विधायक के चक्कर काटे और येनकेन प्रकारेण डिजायर करवाई। इसके बाद उम्मीद थी कि अब तो उनके तबादले हो जाएंगे ,लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब वे ही शिक्षक जनप्रतिनिधियों से गुहार कर रहे हैं कि कम से कम एक सूची तो जारी करवाई जाए। प्रदेश में शिक्षक तबादलों का दौर सितंबर में शुरू हुआ था। इसके बाद लगातार तबादले हो रहे हैं, लेकिन इसमें भी तृतीय श्रेणी शिक्षक वंचित हैं। सत्र शुरू हुए 4 महीने होने के बावजूद अन्य श्रेणी के शिक्षकों के तबादलों का दौर जारी है।
यह भी पढ़ें: राम नाम जपने व मौन धारण करने से मिलती सफलता
सभी श्रेणी के शिक्षकों के तबादले हो रहे हैं तो सरकार जल्द ही तबादलों की सूची जारी कर तृतीय श्रेणी अध्यापकों को राहत दे। – भंवरसिंह करनोत आराबा, शिक्षक नेता।
हमारा शिक्षक संघ लंबे समय से तबादलों की मांग कर रहा है। जब तबादलों पर रोक नहीं है तो तृतीय श्रेणी वंचित क्यों हैं। सरकार संवेदनशीलता दिखा कर जल्द तबादले करे। – बनाराम चौधरी, प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील।
Source: Barmer News