जोधपुर/भोपालगढ़। आमतौर पर इंसान का दिल सीने के लेफ्ट साइड में होता है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुछ लोगों का दिल सीने के राइट साइड में होता है। जिसे लोग कुदरत का करिश्मा समझतेे है। ऐसा ही एक नजारा भोपालगढ़ कस्बे के राजकीय अस्पताल में देखने को मिला, जहां चिकित्सक डॉ. लोकेन्द्र चौधरी से एक व्यक्ति अपना इलाज कराने पहुंचा। भोपालगढ़ क्षेत्र के बागोरिया गांव निवासी पेशे फोटोग्राफर बाबुलाल सुथार के सीने में आम लोगों की तरह दिल बाईं ओर नहीं दांई ओर धड़कता है।
क्षेत्र के बागोरिया निवासी 63 वर्षीय बाबूलाल सुथार को करीब 50 वर्ष पहले पेट दर्द की शिकायत होने पर जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकीय जांच के दौरान चिकित्सकों ने उसके सीने के बाईं ओर स्टेथोस्कोप रखा तो ’धक-धक’ की आवाज ही नहीं सुनाई दी। चिकित्सकों को इस पर हैरानी हुई कि मरीज जिंदा है और उनके सीने में दिल भी है, तो फिर धड़कन क्यों नहीं। गहन चिकित्सकीय जांच में डॉक्टरों को पता चला कि बाबुलाल का दिल (हार्ट), आमाशय व बड़ी आंत आदि सबकुछ शरीर में दाईं तरफ है। साथ ही दाईं तरफ के सभी अंग बाईं ओर मिले। इसके साथ ही पहली बार खुद बाबुलाल को भी पता चला कि उनका दिल सीने में दाईं ओर धड़कता है।
चिकित्सकों के मुताबिक हजारों-लाखों में कोई एक व्यक्ति ऐसा होता है, जिसका दिल सीने में दाईं ओर होता है। यही नहीं बाबुलाल का केवल दिल ही दाईं तरफ नहीं है, बल्कि आमतौर पर व्यक्ति के गुर्दे भी दोनों तरफ होते हैं, जबकि इनके दोनों गुर्दे ऊपर-नीचे आए हुए हैं। इसी प्रकार सामान्य व्यक्ति की नाभी के नीचे होने वाली आंत इनकी नाभी के ऊपर की ओर है और आमाशय भी शरीर के विरीत दिशा में आया हुआ है।
चिकित्सक का कहना
ऐसा मामला हजारों-लाखों लोगों में से किसी एक व्यक्ति में देखने को मिलता है, जिसमें ह्रदय, आमाशय और बड़ी आंत सब-कुछ शरीर के बाईं ओर न होकर दाईं तरफ होता है। वैसे इससे व्यक्ति को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है और वह सामान्य व्यक्ति की तरह ही जीवन जीता है। हालांकि दिल तो दाईं तरफ होना, हजारों में से एक में मिल जाता है, लेकिन बाबुलाल सुथार की तरह पेट के सारे अंग दाईं तरफ होना लाखों में से एकाध में ही देखने को मिलता है।
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‘वहां नहीं, यहां देखो’
आमतौर पर जब भी बाबुलाल चिकित्सकों के पास जाते है, तो डॉक्टर आदत के मुताबिक सीने के दाईं तरफ स्टेथोस्कोप रखते हैं तो चौंक जाते हैं कि मरीज का दिल तो धड़क ही नहीं रहा है और दिल की धड़कन खोजने के लिए स्टेथोस्कोप को सीने पर घुमाते ही रह जाते हैं। यहां तक कि कई बार तो चिकित्सक उन्हें यहां तक कह देते हैं कि उनके दिल की धड़कन ही थम गई है। बाद में जब बाबुलाल बताते हैं कि मेरा दिल दाईं तरफ है, तब चिकित्सक भी एकबारगी चौंक जाते हैं और फिर कहीं जाकर उनका ईलाज किया जाता है। वैसे बाबूलाल 63 वर्ष की उम्र में भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उन्हें दिल के दाईं ओर होने की वजह से कोई परेशानी भी नहीं आई है।
डॉ. लोकेन्द्र चौधरी, चिकित्सक, भोपालगढ़
Source: Jodhpur