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जोधपुर।
वर्ष 2024 के अंत तक जोधपुर सहित राजस्थान के विभिन्न शहरों को “शून्य दुर्घटना शहर” बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। इसके लिए एमबीएम विश्वविद्यालय जोधपुर व इंटरनेशनल रोड फैडरेशन के बीच शुक्रवार को एमओयू किया गया। फैडरेशन के इंडिया चैप्टर के चेयरमैन केके कपिला और एमबीएम विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ सुरेशकुमार सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। समझौते का उद्देश्य संयुक्त पहल के माध्यम से जोधपुर शहर पर विशेष ध्यान देने के साथ राजस्थान में सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देना है।


प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 5-ई कार्यक्रम

समझौते के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 5-ई कार्यक्रम चलाया जाएगा (इंजीनियरिंग ऑफ रोड, इंजीनियरिंग ऑफ व्हीकल एंड पॉलिसी करेक्शन, एजुकेशन एंड अवेयरनेस, एनफोर्समेंट एंड ट्रेफिक मैनेजमेंट, इमरजेंसी केयर)
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यह होगी समझौते की प्राथमिकताएं
मुख्यतः मोटर वाहन पंजीकरण, ड्राइवर लाइसेंसिंग, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आईटीएस), व्यापक यातायात प्रबंधन प्रणाली, प्रशिक्षण, आघात और आपातकालीन देखभाल, सड़क सुरक्षा ऑडिट, अनुसंधान और विश्लेषण जैसे मुद्दों के प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी, नीतियों, प्रक्रियाओं का विकास और लागू करना समझौते की प्राथमिकताएं होंगी।

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विभिन्न विभाग, गैर सरकारी संगठन मिलकर करेंगे काम

समझौते के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए फैडरेशन और एमबीएम विश्वविद्यालय परिवहन विभाग, एनएचएआई, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, गृह विभाग और अन्य प्रमुख गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम करेंगे ।
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ये थे मौजूद
कार्यक्रम में एमबीएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अजय कुमार शर्मा, डीन फेकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग प्रो सुनील शर्मा, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो अरविंद कुमार वर्मा, एनएचएआई प्रोजेक्ट डायरेक्टर अजय विश्नोई और विश्वविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष मौजूद थे।
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Source: Jodhpur

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