मिशन मॉड पर होगी जन्मजात विकृतियों की पहचान-जिला कलक्टर
जन्मजात विकृतियों की पहचान हेतु आशा एवं कार्यकत्र्ताओं को दिया प्रशिक्षण
बाड़मेर जिले में जन्मजात विकृतियों एवं कुपोषित बच्चों की पहचान हेतु मिशन मॉड पर कार्य किया जायेगा, इस हेतु जिले मे जिला कलक्टर लोकबंधू के निर्देशन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा आईसीडीएस विभाग द्वारा खण्ड स्तर पर आशा एवं कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षण दिया गया। कार्य करने की संतुष्टि कब होती है। जब हम सेवा के भाव व निस्वार्थ भाव से किसी गंभीर कुपोषितो को हम बचा सके यह बहुत ही पूण्य का काम होगा, यह बात जिला कलेक्टर लोकबंधु ने मिशन सुरक्षा चक्र के दूसरे चरण प्रशिक्षण के अवसर पर आशा एवं कार्यकर्ताओ से कही। इस अभियान के तहत 0 से 19 वर्ष के समस्त बच्चो को शामिल किया गया है, जिसमें सभी सरकारी एवं निजी विधालय में पढने वाले बच्चे, आंगनवाड़ी में पंजीयन बच्चे एवं स्कुल नहीं जाने वाले बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। बाल विकास परियोजना अधिकारी बाड़मेर शहर एवं चिकित्सा विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ भगवान महावीर टाउन हाल में हुआ। सीएम्एचओ डॉ.चन्द्रशेखर गजराज की निर्देशन में आरसीएचओ डॉ.प्रीत मोहिंदर सिंह एवं शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ हरीश चौहान एवं डॉ हरदान सारण ने कुपोषण एवं जन्मजात विकृतियों के बारे में प्रशिक्षण दिया। साथ ही बताया कि हम खून की कमी को पहचानने हेतु स्किन, आंख, हाथ, पांव को देखकर पहचान कर सकते है। समय रहते हुए एनीमिया और गम्भीर कुपोषितों की पहचान हो तो उन बच्चो को कुपोषण उपचार केन्द्र में भेजकर बचा सकते है। अपने खून की कमी से ही सारे रोग उत्पन्न होते है। इसे बच्चे व किशोर एवं किशोरी बालिका के स्वास्थ्य पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है। आरसीएचओ डॉ प्रीत मोहिंदर सिंह ने कहा कि अब मिशन सुरक्षा चक्र के दूसरे फेज में अपने परिक्षेत्र के सभी 0 से 19 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग करनी होगी। जो बच्चो पहले छूट गए है उन्हे भी शामिल किया जायेगा, चिकित्सा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सामूहिक रूप से बच्चो एवं किशोर किशोरियो के स्वास्थ्य व पोषण जांच एवं उपचार के के संबंध में कार्यक्रम रखा गया है। इसे हम सेवा भाव से करे, प्रशिक्षण में उपस्थित उपनिदेशक प्रहलाद सिंह उपनिदेशक आई. सी.डी.एस ने कहा कि मिशन सुरक्षा चक्र में पहले बाड़मेर जिले अच्छा काम किया है। जिसकी प्रशंसा राज्य स्तर पर चीफ सेकेट्री ने की है, और दूसरे फेज में भी यह कार्य बहुत ही मनोयोग से करना होगा। जिला कलक्टर ने कार्यकर्ता दुर्गावती वार्ड संख्या 15 और कानू महाबार के अनुभव सुने और निर्देश दिए की हम अपने आंगनवाड़ी केन्द्र पर पोषण वाटिका लगाए और शुद्ध सब्जियों का सेवन करे। जिससे अन्य लोग भी प्रभावित होकर पोषण वाटिका लगाए। जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी ने बताया कि इस अभियान के तहत 14 नवंबर 2022 से 15 दिसंबर 2022 तक आशा एवं कार्यकर्ताओ द्वारा सर्वे का कार्य कर जन्मजात विकृतियों एवं कुपोषित बच्चो की पहचान की जायेगी। उसके उपरांत एएनएम एवं सीएचओ द्वारा चिन्हित बच्चो की स्क्रीनिंग का कार्य पूरा किया जाने के बाद आरबीएसके टीम द्वारा ट्रीटमेंट किया जायेगा। भाटी ने बताया कि जिले में सोमवार को सभी खण्ड स्तर पर आशा एवं कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमे कुल 1914 आशा एवं कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया।
जिला स्तरीय प्रशिक्षण में ये रहे उपस्थित:- आरसीएचओ डॉ. प्रीत मोहिंदर सिंह, डीडी आईसीडी प्रहलाद सिंह राजपुरोहित, एसएम्ओ डॉ. हरदान सारण, शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. हरीश चौहान, जिला आशा समन्वयक राकेश भाटी, सीडीपोओ बाड़मेर शहर अंबाराम बडेरा, हनुमान दास जांगिड़ पर्यवेक्षक, सुरेश बोथरा, तेजपाल बामनिया, विमला बडेरा, रोशन खान, ढल्लाराम एवं 557 कार्यकर्ता एवं आशाओं ने भाग लिया।
Source: Barmer News