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जोधपुर. हिंदू पंचांग का नौवां महीना मार्गशीर्ष बुधवार को शुरू हो गया। कोई तिथि क्षय नहीं होने से इस बार मार्गशीर्ष मास पूरे 30 दिनों का रहेगा। इस महीने में श्रीराम-जानकी विवाह, दत्तात्रेय प्राकट्य, गीता जयंती व कालभैरव अष्टमी जैसे बड़े व्रत पर्व भी रहेंगे। श्रीमद्भागवत के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के पसंदीदा महीने में भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की विशेष पूजन, तीर्थ स्नान करने का अनंत गुणा पुण्य मिलने की धार्मिक मान्यता है। ये महीना विवाह आदि मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। इसी महीने में भगवान श्रीराम का विवाह देवी सीता से हुआ और भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का उपदेश भी इसी माह में दिया था।

अगहन को कहते हैं मार्गशीर्ष मास

अगहन मास को मार्गशीर्ष कहने के पीछे कई वजह हैं। इनमें पहली भगवान कृष्ण से जुड़ी है। श्रीकृष्ण की पूजा कई नामों से होती है। इन्हीं में एक मार्गशीर्ष भी श्रीकृष्ण का ही नाम है। ज्योतिष अनीष व्यास ने बताया कि इस महीने को मारवाड़ में मिंगसर, अगहन भी कहा जाता है। श्रीमद्भागवत के अनुसार, श्रीकृष्ण ने कहा है मासानां मार्गशीर्षोऽहम् अर्थात् सभी महिनों में मार्गशीर्ष श्रीकृष्ण का ही स्वरूप है।

मार्गशीर्ष से ही नया साल शुरू किया

मार्गशीर्ष मास में खगोलीय स्थिति अनुकूल होने के कारण ही सतयुग में देवों ने मार्गशीर्ष मास की प्रथम तिथि को ही वर्ष प्रारम्भ किया था। कश्यप ऋषि ने सुन्दर कश्मीर प्रदेश की रचना इसी महीने में की थी।इस माह में शंख की पूजा करना शुभ माना जाता है।

12 नवंबर: संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत

16 नवंबर: कालभैरव अष्टमी व सूर्य संक्रांति पर्व

20 नवंबर: उत्पन्ना एकादशी

23 नवंबर: मार्गशीर्ष अमावस्या

28 नवंबर: राम जानकी विवाह पंचमी

3 दिसंबर: मोक्षदा एकादशी व गीता जंयती

7 दिसंबर: भगवान दत्तात्रेय का प्राकट्य दिवस

8 दिसंबर: मार्गशीर्ष पूर्णिमा

Source: Jodhpur

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