बाड़मेर पत्रिका.
निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल योजना में आवेदकों को अटकाने का विभागीय रवैया थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। निरस्त और लंबित मामलों के साथ अब जांच में अटके आवेदकों की संख्या भी प्रदेश में 83 हजार 241 आई है और इसमें सर्वाधिक बाड़ेमर जिले की 10272 है। रेडमार्क हुए बाड़मेर में यह आंकड़ा दर्शा रहा है जैसे मजदूर पुत्र-पुत्रियों के मामले में कोई न कोई सांठगांठ का खेल चल रहा है।
मजदूरों के पुत्र-पुत्रियों के आवेदनों को निरस्त और लंबित के मामला प्रकाश में आने के बाद विभागीय अधिकारियों ने ऑटो रिजेक्ट का बड़ा हिस्सा बताकर सरकार के सिस्टम पर ही सवाल खड़ा कर दिया और खुद किनारे हो गए,लेकिन अब एक नया आंकड़ा सामने आया है। यह आंकड़ा जांच का है। इसमें बाड़मेर में 10272 मामले है। यानि बाड़मेर जिले में कुल आवेदन 129992 हुए,इसमें से 23757 को निरस्त कर दिया गया। 20206 को विभाग ने लंबित बताया है। केवल 25755 को ही छात्रवृत्ति मिल पाई है जो पहले करीब 35 हजार मानी जा रही थी।
यह जांच करेगा कौन?
विभागीय अधिकारियों ने यह आंकड़ा तो दे दिया लेकिन यह जांच करेगा कौन? वही बिल्ली को दूध की रखवाली वाला मामला है, खुद को ही करनी है। अधिकारी कहते है कि तीन स्तरीय गांव की कमेटी यह जांच करके भेजेगी कि आवेदन करने वाला सही है या नहीं? सवाल यहां उठता है कि एक ओर बिना जांच किए हुए 60 हजार आवेदन ऑटो रिजेक्ट कर दिए गए और दूसरी ओर अब 10 हजार 272 आवेदन लेकर बैठे है कि इसकी जांच करेंगे? यह दोनों तरफ का अलग-अलग बर्ताव विभागीय व्यवहार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है।
छात्रों का इंतजार खत्म नहीं हो रहा
होनहार छात्रों के लिए योजना में पहले आवेदन अटकाने, फिर ऑटो रिजेक्ट करने, इसके बाद लंबित मामले बढ़ाने और अब जांच में रोकने का सिलसिला इतना लंबा हो गया है कि उनको यह छात्रवृत्ति द्रोपदी का चीर लगने लगी है।
सरकार की मंशा पर फिरा पानी
राज्य सरकार अधिकतम मजदूर बेटे-बेटियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह योजना लाई है। जिससे इनकी प ढ़ाई आर्थिक तंगी से नहीं रुके और सरकार की सामाजिक कल्याण की छवि भी सामने आए लेकिन योजना में बाड़मेर जिले में 1 लाख से अधिक निराश है और महज 25 हजार को लाभ मिलने से सरकार की मंशा पर पानी फिरा है।
पूरी जांच होनी चाहिए
मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। यह गंभीर स्थिति है कि जिले के सवा लाख लोगों के आवेदन में से एक लाख को निराशा हाथ लगी है। मजदूरों के आवेदन करने की प्रक्रिया में गलती रही है तो उसको सुधारकर योजना का लाभ दिलाना चाहिए।- अनिता सोनी, सामाजिक कार्यकर्ता
कहां कितने जांच में अटके
अजमेर-427
अलवर-9730
बांसवाड़ा-895
बारां-2881
बाड़मेर-10272
ब्यावर-2144
भरतपुर-345
भीलवाड़ा-1581
बीकानेर-1871
बूंदी–1335
चित्तौडग़ढ़-5333
चुरू-7573
दौसा-1449
धौलपुर-615
डूंगरपुर-1845
हनुमानगढ़-82
जयपुर-2216
जैसलमेर-775
जालोर-871
झालावाड़-1403
झुंझूनू-1473
जोधपुर-2702
करौली-2516
किशनगढ़-352
कोटा-371
नागौर-6918
पाली-232
प्रतापगढ़-337
राजसमंद-105
सवाई माधोपुर-979
सीकर-7050
सिरोही-408
श्री गंगानगर-1644
टोंक-1283
उदयपुर-3228
योग-83271
Source: Barmer News