बाड़मेर पत्रिका.
निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल विकास योजना में प्रदेश में हुए 8 लाख से अधिक ऑटो रिजेक्ट मामलों में एक बड़ा उदाहरण सामने आया है। बारहवीं कला वर्ग में 99.20 अंक हासिल कर प्रदेश को टॉप करने वाले मजदूर के बेटे प्रकाश फुलवारिया का आवेदन भी ऑटो रिजेक्ट कर लिया गया। प्रकाश के आवेदन बाद कई सवाल किए गए और इनका समय पर जवाब नहीं देने का हवाला देकर छात्रवृत्ति निरस्त कर दी गई।
धोरीमन्ना के लोहरवा के प्रकाश फुलवारिया ने उच्च माध्यमिक परीक्षा 2020 में कला वर्ग में 99.20 प्रतिशत अंक हासिल किए और राज्य में प्रथम रहे। प्रकाश के पिता चंदनाराम फुलवारिया मजदूर है। श्रमिक के बेटे की इस सफलता पर प्रदेशभर में चर्चे रहे। जितनी तारीफ प्रकाश की हुई उतनी इस बात को लेकर दाद मिली कि मजदूर ने अपने बेटे को पढ़ाया और इतनी मेहनत की कि उसने राज्य को टॉप किया है। जाहिर है ऐसी प्रतिभाओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति राज्य और विभाग दोनों के लिए प्राथमिकता के साथ गर्व करने वाली मानी जाएगी लेकिन निर्माण श्रमिक शिक्षा एवं कौशल योजना में इसकी भी छात्रवृत्ति निरस्त कर दी गई।
यों हुआ रिजेक्ट
11 अगस्त 2020 को प्रकाश का आवेदन ईमित्र से किया गया। 29 अप्रेल 2021 को विभाग ने दस्तावेज मांगे कि जिस कक्षा या कोर्स के लिए छात्रवृत्ति चाही है, उसकी अंकतालिका की स्व प्रमाणित प्रति। पिछले 12 माह के हिताधिकारी के निर्माण श्रमिक होने का प्रमाण पत्र दिया जाए। इससे आगे जो जानकारी मांगी वो और भी अजीब लगी। कार्य प्रमाण पत्र में निर्मित क्षेत्रफल, निर्माण लागत, सेस कार्यावधि, दैनिक वेतन आदि विवरण पूर्ण एवं सही दर्ज करे। नियोजक का स्व हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र, महानरेगा में काम किया है तो जॉब कार्ड व आवेदन ,पिछले एक वर्ष का ऑनलाइन कार्यविवरण ग्राम अधिकारी से सत्यापित कर संलग्र करे। मूल अंकतालिक संलग्र करे।
निरस्त कर दिया
12 जनवरी 2022 को आवेदन को निरस्त कर दिया गया कि आपकी ओर से चाहे गए दस्तावेज समय पर नहीं मिलने से रिजेक्ट कर दिया गया है।
9000 मिलनी थी छात्रवृत्ति
मजदूर बेटे को बारहवीं के लिए 9000 रुपए छात्रवृत्ति देय है। इसके लिए प्रकाश के पिता ने आवेदन किया था। राशि के अलावा इसको एक सम्मान भी समझा जाता है कि छात्रवृत्ति प्राप्त हुई।
व्यवहारिक दिक्कत
असल में मजदूर पिता ने यह आवेदन भी ईमित्र पर पहुंचकर करवाया और उसके लिए इतने सारे दस्तावेज को फिर से जुटाना और जोडऩा समय पर नहीं हो पाया। मजदूरों के लिए यह कागजी चक्कर भारी पड़ रहा है। सरकार जिस स्कूल में विद्यार्थी पढ़ा है या जिस ग्राम पंचायत का निवासी है, वहीं से सारे दस्तावेज मंगवाकर आवेदन स्वीकार करवाए तो छात्रवृत्ति का अधिकतम लाभ मिले। प्रदेश में 9 लाख से अधिक आवेदन इसीलिए रिजेक्ट हुए है कि मजदूर यह दस्तावेज का चक्कर पूरा नहीं कर पा रहे है।-लक्ष्मण बडेरा, अध्यक्ष कमठा मजदूर युनियन
रिजेक्ट होने का दु:ख
राज्य सरकार की योजना के अनुरूप आवेदन किया था और आश्वस्त था कि छात्रवृत्ति मिलेगी। स्टेट टॉपर रहा हंू,लेकिन आवेदन निरस्त हुआ तो इसका दु:ख हुआ। मेरा नहीं जितने भी आवेदन निरस्त हुए है,उन सबकी जांच हों और पुन: अवसर दिया जाए ताकि केवल कुछ दस्तावेजों की वजह से हजारों मजदूरों के बेटे-बेटियां सरकारी योजना से वंचित नहीं रहे।- प्रकाश फुलवारिया
Source: Barmer News