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जोधपुर।
निवेश के बदले बेहतर अधिलाभ का झांसा देकर हैण्डीक्राफ्ट निर्यातक (16 Crore Rs fraud with handicraft exporter) से 16 करोड़ रुपए (16 Crors Rs fruad with handicraft businessman) ऐंठने वाले साइबर ठगों के बारे में अभी तक सुराग नहीं लग पाया है। साइबर ठगों ने विदेशी बनकर अलग-अलग देशों के वर्चुअल मोबाइल नम्बर से कॉल किए थे, लेकिन 16 करोड़ रुपए देश के ही आठ शहरों के अलग-अलग निजी बैंकों में फर्मों के खातों में जमा कराई गई थी।इन्हीं के आधार पर पुलिस की टीमें जांच में जुटी हुईं हैं।इससे अंदेशा है कि ठग गिरोह देश का ही है और विदेशी होने की आड़ में ठगी की है।
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) डॉ अमृता दुहन का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। अलग-अलग टीमें जांच में लगाईं गईं हैं। अभी तक सुराग नहीं लगा है।
अमरीका के नम्बर से मैसेज के झांसे में फंसा निर्यातक
व्यवसायी की कंपनी यूरोप व अमरीका में हैण्डीक्राफ्ट के सामान निर्यात करती है। 31 अक्टूबर को यूनाइटेड किंगडम के मोबाइल से महिला के मैसेज आए थे। उसने बतौर एडवाइजर चार जनों के मोबाइल नम्बर देकर सम्पर्क कराया था। उनके मोबाइल नम्बर व नाम भी विदेशी थे। ऐसे में हैण्डीक्राफ्ट निर्यातक झांसे में आ गए थे।
8 फर्म के 8 बैंक खातों, 101 बार में 16 करोड़ जमा
कम्पनी में सिल्वर क्लब की मैम्बरशिप लेने के बाद व्यवसायी ने 1 नवम्बर से 21 नवम्बर तक 101 बार ऑनलाइन रुपए जमा कराए थे। यह राशि चेन्नई के आरए पूरम, पुणे के विमन नगर, हैदराबाद के मनीकोंडा, केरल के थ्रिशूर, राजस्थान के उदयपुर, गुजरात में अहमदाबाद के ओधव, मुम्बई के कंडीवली और तमिलनाडू के पंचलम शहर में अलग-अलग फर्मों के बैंक खातों में जमा कराई गई थी। सभी खाते निजी बैंकों में हैं।
बैंक खाते फर्जी नाम-पते वाले होने का अंदेशा
देश के जिन आठ शहरों में आठ बैंक खातों में राशि जमा कराई गई है। उनके खाता आधार पर जांच की जा रही है। पुलिस को अंदेशा है कि यह बैंक खाते फर्जी दस्तावेज के आधार पर खुलवाए गए होंगे।

Source: Jodhpur

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