जोधपुर।
उत्तर भारतीय में प्रमुख रूप से खाया जाने वाले गेंहू के भाव लगातार बढ़ते जा रहे है। गेंहू के भाव बढ़ने से आटा भी महंगा हो गया है। इससे आमजन के लिए रोटी महंगी हो गई है। दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर गेहूं की बढ़ती मांग से गेंहू के भाव आसमान पर पहुंच गए है। इससे पूरे देश में गेंहू की किल्लत होने से दामों में उछाल आया है। जोधपुर में भी दिवाली के बाद गेहूं के दामों में 400-500 रुपए क्विंटल रुपए तेजी आई है, यानि गेहूं 4-5 रुपए प्रति किलो महंगा हुआ है, जो लगातार जारी है। अनाज व्यापारियों के अनुसार सरकार की दखलअंदाजी के बिना गेंहू के भावों पर नियंत्रण मुश्किल है।सरकार ने जल्द ही ओपन बाजार में गेहूं की बिक्री शुरू नहीं की तो घरेलू बाजार में गेहूं की बढ़ती कीमत को थामना मुश्किल हो जाएगा और महंगाई बढ़ जाएगी। गौरतलब है कि यूक्रेन के बाद भारत दूसरे सबसे बड़ा गेंहू उत्पादक देश है। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद देश में मार्च-अप्रेल से गेंहू के भावों में तेजी आना शुरू हो गई थी।
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पहले 22 अब 10-12 ट्रक ही आवक
जोधपुर में गेंहू की अधिकांश सप्लाई कोटा, एमपी बॉर्डर क्षेत्र, बारां, बूंदी आदि से होती है। जहां पहले अनाज मंडी में प्रतिदिन 20-22 गाड़ी गेहूं आता था, अब 10-12 ट्रक गेहूं आ रहा है।
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गेंहू के भाव रुपए प्रति क्विंटल में
क्वालिटी—- 6 माह पहले– वर्तमान होलसेल भाव—- वर्तमान रिटेल भाव
अच्छी या उच्च–2800-2900— 3300-3500———— 34—-37
मध्यम— 2500–2600——-2900-3100————– 31—-32
निम्न– 2200-2300——-2750-2850—————– 29—30
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आटा भी हुआ महंगा
– 26 किलो आटा की थैली पहले 750 रुपए, अब 820 रुपए यानि 31.50 रुपए प्रति किलो।
– 10 किलो आटा की थैली पहले 280 रुपए, अब 350 रुपए।
– 25 किलो आटे की थैली पर जीएसटी लगता है व 26 किलो की थैली पर जीएसटी नहीं लगता, इसलिए विक्रेता अब 26 किलो वाली आटे की थैली बेच रहे है।
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इस साल मार्च-अप्रेल से गेंहू के भाव बढ़ना शुरू हुए थे, जो अब तक जारी है। सरकार को इस पर नियंत्रण के ठोस कदम उठाने होंगे, नहीं तो आने वाले दिनों में भाव और बढ़ जाएंगे।
आलोक जैन, गेहूं के होलसेल व्यापारी
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गेहूं के दामों में तेजी से ग्राहक को आटा महंगा मिल रहा है। गेंहू में हो रही वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए गंभीर प्रयास करने की जरुरत है।
विष्णु डागा, रिटेल व्यापारी
Source: Jodhpur