जोधपुर।
जिले की शेरगढ़ (Shergarh) तहसील के भुंगरा गांव (Gas tragedy in Bhungara village) की गैस दुखान्तिका (Gas tragedy) के मामले में राहत पैकेज पर सहमति बनने के बाद रविवार मध्यरात्रि दो बजे तक नौ शव के पोस्टमार्टम (Nine bodied Postmortem were did at midnight) कराए गए। एक शव का पहले ही पोस्टमार्टम हो चुका था। तत्पश्चात सोमवार को गमगीन माहौल में दस शवों का अंतिम संस्कार किया गया। अब तक 35 की मौत हो चुकी है और 14 जनें अभी भी भर्ती हैं।
पुलिस के अनुसार प्रकरण में राजपूत समाज की आक्रोश रैली के बाद रविवार रात नौ बजे मृतक आश्रितों को 17-17 लाख रुपए और संविदा पर नौकरी का भरोसा दिलाने पर धरना व गतिरोध समाप्त किया गया था। समाज के लोग व परिजन पोस्टमार्टम और फिर शव ले जाने को राजी हुए थे।
वहीं, सोमवार को जालोर-सिरोही सांसद देवीजी भाई पटेल ने एमजीएच में भर्ती मरीजों से मिलकर कुशलक्षेम पूछी। वहीं, मोर्चरी के बाहर भी परिजन से मुलाकात कर हिम्मत बंधवाई।
इनके आग्रह पर जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने रात को पोस्टमार्टम करवाने की अनुमति प्रदान की थी। महात्मा गांधी अस्पताल में चिकित्सकों की व्यवस्था कराई गई। रात दो बजे गोविंदसिंह (25), अणची कंवर (40), रसाल कंवर (29), सुगन कंवर (57), धापू (40) पतनी उम्मेदसिंह, सुगन कंवर (56) पत्नी भीमसिंह, चम्पा कंवर (40) पत्नी जब्बरसिंह, जेठूसिंह (27) पुत्र भैरूसिंह और तेजसिंह (50) पुत्र भोजराजसिंह के शवों के पोस्टमार्टम कराए गए। डेढ़ साल के अरविंद के शव का पोस्टमार्टम चार दिन पहले ही हो चुका था। शेरगढ़ थाने के हेड कांस्टेबल वीपीसिंह ने कार्रवाई के बाद सभी शव परिजन को सौंपे।
गमगीन माहौल में दस शवों की अंत्येष्टि
राहत पैकेज की मांग को लेकर राजपूत समाज ने चार दिन एमजीएच मोर्चरी के बाहर धरना दिया था। इस दौरान मृतकों के शव मोर्चरी में रखे हुए थे। पोस्टमार्टम के बाद शव गांव पहुंचे तो एक बार फिर माहौल बेहद गमगीन हो गया। परिजन रोने लगे। बाद में गमगीन माहौल में शवों के अंतिम संस्कार किए गए। हादसे में अभी तक 35 की मौत हुई है और 14 अभी भी भर्ती हैं।
Source: Jodhpur