जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मॉरीन वाड्रा की साझेदारी वाली स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलपी कंपनी की याचिका सहित एक अन्य याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि, याचिकाकर्ताओं को हिरासत में पूछताछ से अगले पंद्रह दिन तक छूट रहेगी।
तीन दिन तक चली सुनवाई के बाद एकल पीठ ने बुधवार को निर्णय सुरक्षित रखा था। गुरुवार को फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश डा.पुष्पेंद्रसिंह भाटी की एकलपीठ ने स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के अलावा महेश नागर की प्रवर्तन निदेशालय की जांच को चुनौती देने वाली याचिकाए ख़ारिज कर दी। बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद-फरोख्त को लेकर स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी एलएलबी कंपनी के साझेदारों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 2 के तहत साक्ष्य एकत्रित करने के लिए जांच कर रहा है।
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कोर्ट ने कंपनी के साझेदारों रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मॉरीन वाड्रा की गिरफ्तारी पर पूर्व में रोक लगाई थी, जिस पर ईडी ने हिरासत में पूछताछ की अर्ज़ी दाखिल की थी। एकल पीठ ने बाद में अंतिम रूप से मामले की सुनवाई करना तय किया। रॉबर्ट वाड्रा की ओर से ईसीआईआर (एनफोर्समेंट केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट) को रद्द करने की प्रार्थना की, जिसका प्रतिवाद करते हुए ईडी ने कहा कि ईसीआईआर वस्तुतःएफआईआर नहीं है। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी ने कहा कि समयपूर्व चरण में हस्तक्षेप करने जैसा कोई मामला नहीं है।
रस्तोगी ने तर्क दिया था कि ईसीआईआर की प्रति याचिकाकर्ता को नहीं दी जा सकती है। सर्वोच्च न्यायालय ने ईडी के पक्ष में सभी मुद्दों पर फैसला दिया है। ईडी की कार्रवाई को चुनौती देने वाली रिट दायर करना अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। यह रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगियों द्वारा गंभीर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। अगर रॉबर्ट वाड्रा को अगले एक पखवाड़े में शीर्ष कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा सकती है।
Source: Jodhpur