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जोधपुर।
वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा (senior teacher recruitment exam) में फर्जी अभ्यर्थी बनने पर मंडोर थाना पुलिस (Police station Mandore) की गिरफ्त में आए एमबीबीएस छात्र (MBBS student) को 4-5 लाख रुपए (MBBS student will get 5 lakh Rs for fake student) और दूसरे आरोपी को सात लाख रुपए मिलने वाले थे। इसी लालच में दोनों युवक फंस गए थे। मण्डोर थाना पुलिस ने रविवार को दोनों आरोपियों को रिमाण्ड पर लिया है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त निशांत भारद्वाज ने बताया कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बालसमन्द में बाड़मेर जिले में गिड़ा थानान्तर्गत परेऊ गांव में पीराणी सांइयों की ढाणी निवासी सांगाराम जाट और नागौरी बेरा में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय किसान कन्या में अजमेर जिले में ब्यावर की महादेव कॉलोनी निवासी प्रद्युमनसिंह रावत को बतौर फर्जी अभ्यर्थी गिरफ्तार किया गया था। दोनों को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने पर एक-एक दिन के रिमाण्ड पर भेजा गया है।
परीक्षा देते ही 50 हजार, बाकी चयन पर मिलने थे
ब्यावर निवासी प्रद्युमनसिंह रावत बाड़मेर की कॉलेज में एमबीबीएस तृतीय वर्ष का छात्र है। वह बालसमन्द क्षेत्र स्थित राउमावि में लूनी तहसील में भाचरणा गांव निवासी सोहनलाल बिश्नोई की जगह परीक्षा देते पकड़ा गया था। पूछताछ में सामने आया कि फर्जी परीक्षार्थी बनने के बदले 4-5 लाख रुपए में सौदा हुआ था। परीक्षा देकर बाहर आते ही उसे पचास हजार रुपए दिए जाने थे। शेष चयन होने पर दिए जाने थे।
7 लाख रुपए में सौदा, पहले भी हुआ था गिरफ्तार
सांगाराम जाट एम.एससी प्रीवियस का छात्र है। उसने अपने गांव पड़ोसी कमलेश कुमार से 7 लाख रुपए में फर्जी अभ्यर्थी बनने का सौदा किया था। चयन होने पर सम्पूर्ण राशि मिलनी थी। सांगाराम वर्ष 2020 में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर परीक्षा में बतौर फर्जी अभ्यर्थी बनकर उदयपुर गया था, लेकिन वहा भी वह पकड़ा गया था। वर्तमान में वह जमानत पर छूटा हुआ है।

Source: Jodhpur

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