फैक्ट्री में नकली जीरा बनाने के मामले में फरार आरोपी को पकडऩे के लिए गठित स्पेशल पुलिस टीम का एक कांस्टेबल ऊंझा मंडी में मजदूर बना और वहां पर बोरियां भी उठाई। खुद को श्रमिक बताते हुए आरोपी के बारे में जानकारी जुटाते हुए आखिर में उसे दबोच लिया। आरोपी पिछले तीन महीनों से फरार चल रहा था।
उल्लेखनीय है कि सिणधरी पुलिस ने सितम्बर महीने में नकली जीरा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी थी। इस दौरान मुख्य आरोपी पकड़ में नहीं आया था। पिछले तीन महीने से पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। इस बीच पुलिस की रेडार में आरोपी बार-बार आया भी और पता चला कि ऊंझा में कहीं छुपा बैठा है। थानाधिकारी के निर्देश पर टीम बनाई गई। टीम के एक कांस्टेबल नरपतराम को ऊंझा भेजा गया। जहां पर कांस्टेबल ने आरोपी की रैकी करने और उसे पकडऩे के लिए तीन दिन ऊंझा मंडी में मजदूरी की। मंडी के अन्य श्रमिकों से घुलमिल गया और आरोपी के बारे में सुराग मिलने के बाद टीम को सूचना दी। स्पेशल टीम ऊंझा गई और मास्टरमाइंड पटेल भरतकुमार को गिरफ्तार करके सिणधरी लाई।
भनक लगते ही गायब हो जाता था आरोपी
थानाधिकारी सुरेंद्रकुमार ने बताया कि सिणधरी पुलिस ने गत 25 सितम्बर को उपखंड क्षेत्र के मनणावास करणा में पशु आहार बनाने के नाम पर नकली जीरा बनाकर असली में मिलावट करने का पर्दाफाश किया था। प्रकरण में मुख्य आरोपी मास्टरमाइंड पटेल भरतकुमार 3 महीने से फरार चल रहा था। वांछित पुलिस की भनक लगते ही गायब हो जाता था। इस प्रकरण में स्पेशल टीम बनाई गई और आरोपी को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया गया।
Source: Barmer News