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न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकल पीठ में याचिकाकर्ता सचिन महिया एवं अन्य की ओर से अधिवक्ता सुशील बिश्नोई ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने स्नातक डिग्री के बाद अतिरिक्त विषय के तौर पर अंग्रेजी विषय में स्नातक डिग्री उत्तीर्ण की है, जबकि भर्ती एजेंसी इन अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन से वंचित कर रही है। एकल पीठ ने कर्मचारी चयन बोर्ड सहित प्रतिवादियों को याचिकाकर्ताओं और अन्य सभी उम्मीदवारों को, जिन्होंने अतिरिक्त विषय के साथ स्नातक किया है, याचिका तथा सुप्रीम कोर्ट में लंबित विशेष अनुमति याचिका के अधीन 16 दिसंबर के विज्ञापन के अनुसार आवेदन करने की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि अतिरिक्त विषय के साथ स्नातक करने वालों को ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा नहीं है, लिहाजा प्रतिवादी इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करे, ताकि याचिकाकर्ताओं की तरह सभी उम्मीदवारों को आवेदन करने का अवसर प्रदान किया जा सके। यह भी निर्देश दिया कि आवेदन दाखिल करने के लिए इस तरह का तंत्र प्रदान किया जाए कि जिन उम्मीदवारों ने अतिरिक्त विषय के साथ स्नातक किया है, उन्हें अन्य उम्मीदवारों से अलग समूह में रखा जा सके, ताकि वर्तमान याचिका एवं सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों को प्रभावी किया जा सके। कर्मचारी चयन बोर्ड के अधिवक्ता ने कहा कि आवेदन केवल ऑनलाइन आमंत्रित किए जा रहे हैं। ऐसी सुविधा प्रदान करने के लिए सॉफ्टवेयर को अद्यतन करने की आवश्यकता होगी। इसमें कुछ समय लगेगा। कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी आवश्यक कार्रवाई कर सकते हैं और याचिकाकर्ताओं सहित अन्य सभी समान उम्मीदवारों को पर्याप्त अवसर प्रदान कर सकते हैं, जिन्होंने अपना स्नातक अतिरिक्त विषय के साथ किया है। एकल पीठ ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ताओं के समान अन्य उम्मीदवारों को अंतरिम राहत का दावा करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार को निर्देश दिए कि ऐसे समान उम्मीदवारों को कोर्ट के विशिष्ट अंतरिम आदेशों के अभाव में आवेदन के लिए प्रतिबंधित नहीं किया जाए।

Source: Jodhpur

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