बालोतरा. बाड़मेर जिले के तहसील मुख्यालय कल्याणपुर के अस्पताल को मरीजों से ज्यादा चिकित्सकों की जरूरत है। कहने को तो यहां छह चिकित्सकों के पद हैं लेकिन कार्यरत मात्र एक ही है। हाइवे पर कस्बा आबाद होने से सड़क दुर्घटनाओं पर सीधे लोग अस्पताल पहुंचते हैं लेकिन चिकित्सक नहीं होने पर उन्हें रैफर टू जोधपुर या बालोतरा का दंश सहना पड़ता है।
तहसील मुख्यालय कल्याणपुर सामुदायिक चिकित्सालय चिकित्सकों का इंतजार करते- करते तरस गया है। स्वीकृत 6 पदों में से नाम मात्र एक चिकित्सक कार्यरत है। करीब एक वर्ष से यह स्थिति होने से हर दिन उपचार के लिए यहां पहुंचने वाले मरीज परेशानी उठाते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग से चिकित्सालय जुड़े होने पर हादसों में गंभीर घायलों को यहां लाया जाता है। लेकिन उपचार की प्याप्त सुविधा नहीं होने पर इन्हें जोधपुर रैफर किया जाता है। यहां तक पहुंचने में अ धिक समय लगने पर कई बार मरीज बीच मार्ग ही दम तोड़ते हैं। इससे क्षेत्र भर के लोगों में रोष व्याप्त है।
दस हजार की आबादी- पंचायत समिति, तहसील मुख्यालय कल्याणपुर विधानसभा पचपदरा का बड़ा कस्बा है। 10 हजार से अधिक आबादी वाला यह कस्बा बड़ा व्यापारिक केंद्र है, लेकिन अफसोस कि कल्याणपुर के सामुदायिक चिकित्सालय में उपचार के लिए चिकित्सक नहीं है। कल्याणपुर व इससे जुड़े गांवों के मरीजों को बेहतर उपचार सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर सरकार ने चिकित्सकों के 6 पद स्वीकृत कर रखे हैं। लेकिन एकमात्र ही चिकित्सक कार्यरत है।
इस पर उपचार के लिए ग्वालनाडा, रनिया देशीपुरा, बागलोप, धर्मसर, बादू का बाड़ा, बागावास, घड़सी का का वाड़ा, नागाणा, देरिया, सांखलों की ढाणी, कपूरडी, परालिया सांसण, मूल की ढाणी आदि 50 से अधिक गांवों से पहुंचने वाले सैकड़ों मरीजों को हर दिन परेशानी उठानी पड़ती है। एक जानकारी अनुसार उपचार के लिए यहां प्रतिदिन औसत ढाई सौ मरीज पहुंचते हैं। प्रतिमाह एक सौ से अधिक डिलीवरी होती है। ऐसे में एकमात्र चिकित्सक के कंधे इतनी बड़ी जिम्मेदारी होने पर वह चाहकर भी मरीजों का अच्छा उपचार नहीं कर पाता है।
Source: Barmer News