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विकास चौधरी

जोधपुर।
माता का थान थानान्तर्गत (Police station Mata ka than) कीर्ति नगर (Kirti nagar gas tragedy) के सामने अन्ना सागर (Anna sagar gas tragedy) स्थित मकान में गैस की अवैध रिफिलिंग (Illegal gas refilling) के दौरान लीकेज से आग व आठ सिलेण्डर फटने से दस लोगों की मौत (10 died in gas refilling tragedy case) के चार माह बीत चुके हैं, लेकिन क्षेत्रवासियों पर गैस काण्ड का खौफ अभी तक बना हुआ है। एक परिवार ने गैस सिलेण्डर को घर से ही निकाल दिया। वहीं, एक युवक की मौत के बाद परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। फीस न भर पाने की वजह से बच्चे को निजी स्कूल की बजाय सरकारी स्कूल में दाखिला कराया गया है।
यह है मामला
गत 8 अक्टूबर को अन्ना सागर निवासी भोमाराम लुहार के घर में गैस की अवैध रिफिलिंग के दौरान लीकेज से आग लग गई थी व आठ सिलेण्डर फट गए थे। घर में भीषण आग लग गई थी। वहां मौजूद परिजन व बीच-बचाव में आए पड़ोसी झुलस गए थे। हादसे में दस जनों की मौत हो गई थी और 6 जनें झुलस गए थे। जो अब स्वस्थ्य तो हैं, लेकिन हादसे का दंश अभी भी भुगत रहे हैं।
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केस : 1
भोमाराम लुहार का पड़ोसी भोमाराम जोशी का परिवार हादसे से इतना घबराया हुआ है कि उसने गैस से ही तौबा कर ली है। उनकी पत्नी सरोज चूल्हे पर ही खाना बनाने लगी हैं। हादसे में पोती खुशी झुलस गई थी। जो स्वस्थ्य है। वह घर में खिलौनों से खेलते नजर आई। इशारों ही इशारों में उसने अवगत कराया कि हादसे में वो भी झुलस गई थी। हादसे के बाद से चूल्हे पर लकडि़यां जला कर खाना बनाया जा रहा है।
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केस : 2
गैस काण्ड में बीच-बचाव करने आए पड़ोसी अशोक जोशी की मौत हो गई थी। वह अकेला ही घर का कमाई सदस्य था। वही घर खर्च चला रहा था। हादसे के समय उसका मासूम एक पुत्र दो माह का था। एक अन्य बच्चा निजी स्कूल में पढ़ता था, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते पत्नी नीतू फीस नहीं भर पाई तो स्कूल प्रशासन ने उसे निकाल दिया था। मजबूरन उसे सरकारी स्कूल में दाखिला कराया गया है।
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केस : 3
मां का निधन, ताई कर रही सार संभाल
हादसे में नीरमा की मौत हो चुकी है। पुत्र नक्ष भी झुलस गया था। जो अब स्वस्थ्य है, लेकिन हादसे के बाद नक्ष की सार संभाल उसकी ताई कर रही है। झुलसने से नक्ष के शरीर पर अभी भी कुछ घाव हैं। ऐसे में ताई यानि बड़ी माता नक्ष की सार संभाल कर रही हैं। रोज धूप में नक्ष के शरीर पर तेल की मालिश करती हैं।
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केस : 4
स्कूल बजाय घर पर पढ़ाई
हादसे में देवांशु भी झुलस गया था। इलाज के बाद स्वास्थ्य में सुधार होने पर उसे छुट्टी तो मिल गई, लेकिन जहां-जहां से वह झुलसा था वहां शरीर अभी कच्चा है। ऐसे में वह स्कूल नहीं जा पा रहा है। वह घर पर ही पढ़ाई कर रहा है।

Source: Jodhpur

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