राम चौकी में दो भाइयों को अवैध निरुद्ध करने का दावा सही नहीं निकला
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज
जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बिरई स्थित राम चौकी में दो भाइयों को अवैध निरुद्ध करने के आरोप के साथ दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दिया है। एक याचिकाकर्ता ने अपने दो बालिग बेटों को बिरई स्थित राम चौकी में अवैध निरुद्ध करने के आरोप के साथ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। यह भी आरोप था कि याचिकाकर्ता ने 2019 में लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस उनका पता लगाने का प्रयास नहीं कर रही। कोर्ट के निर्देश पर अतिरिक्त महाधिवक्ता एमए सिद्दीकी ने लापता व्यक्तियों के संबंध में केस डायरी के साथ तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की। कोर्ट ने पाया कि लापता बेटों की मिसिंग रिपोर्ट के साथ-साथ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने से पहले याचिकाकर्ता ने सीआरपीसी की धारा 97 के तहत एसडीएम, बावड़ी के समक्ष आवेदन दिया था, जिस पर सर्च वारंट जारी हुआ। राम चौकी, बिरई के परिसर की तलाशी ली गई, लेकिन याचिकाकर्ता के बेटे राम चौकी में नहीं मिले। सिद्दीकी ने कहा कि वर्ष 2019 में याचिकाकर्ता के कहने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के संबंध में जांच अभी भी चल रही है और पुलिस याचिकाकर्ता के बेटे का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता प्रतिवादियों पर अपने बेटों की अवैध हिरासत का मामला बनाने में विफल रहा है। वर्तमान मामला गुमशुदगी से संबंधित है और पुलिस पहले से ही जांच कर रही है। इस आधार पर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी गई।
Source: Jodhpur