जोधपुर।
धोखाधड़ी और साइबर ठगी (Fraud and cyber fraud) के दौर में आमजन को पुलिस से राहत व न्याय की उम्मीद रहती है, लेकिन ऊंचे प्रतिफल के लालच में इस बार पुलिस खुद ठगों का शिकार बन गई है। राज्य के कई जिलों में करोड़ों रुपए लेकर गायब होने वाली नेक्सा एवरग्रीन कंपनी (NEXA EVERGREEN) ने पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर (Police commissionerate Jodhpur) के अनेक पुलिसकर्मियों को करोड़ों रुपए की चपत लगा दी। बरसाें की गाढ़ी कमाई डूबने से निवेशक व पुलिसकर्मी गहरे सदमे में हैं। एक पुलिसकर्मी तो जान तक देने की कोशिश कर चुका है। हालांकि पुलिस की तरफ से अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है।
हर मंगलवार को प्रतिफल देने का झांसा
नेक्सा एवरग्रीन कम्पनी में निवेश करने पर ऊंची ब्याज दर से प्रतिफल मिलने का झांसा दिया गया था। कम्पनी के एजेंटों ने ऐसे झांसे देकर निवेश करवाना शुरू किया था।निवेश के बदले उन्हें हर मंगलवार को अच्छा प्रतिफल भी दिया गया था। इससे लोगों को कम्पनी के प्रति भरोसा होने लग गया था। बड़ी संख्या में आमजन व पुलिसकर्मियों से करोड़ों रुपए बटोरकर गत दिनों कम्पनी बंद कर दी गई। एजेंटों ने मोबाइल बंद कर दिए थे। तब लोगों को ठगी का पता लगा था।
एक थाने के अधिकांश पुलिसकर्मियों से ठगी
कम्पनी में निवेश करके गाढ़ी कमाई गंवाने वालों में अधिकांश पुलिसकर्मी बताए जाते हैं। पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर के सिपाही ही नहीं बल्कि कुछ अधिकारी भी जाल में फंसने की सूचना है। जिले के एक पुलिस स्टेशन के अधिकांश पुलिसकर्मियों ने लाखों रुपए निवेश किए हैं। वहीं, पुलिस अधिकारी के कार्यालय में पदस्थापित पुलिसकर्मी भी लालच में फंसे हैं।
विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन से 11 लाख ठगे
जयपुर में मंगला माता मार्ग पर ब्रह्मपुरी निवासी अनिल कुमार शर्मा यहां आयुर्वेद विश्वविद्यालय में सहायक लाइब्रेरियन हैं। नेक्सा एवरग्रीन कम्पनी के एजेंट सुरेन्द्रसिंह उचियारड़ा के झांसे में आकर अलग-अलग किस्तों में 11 लाख रुपए निवेश किए थे। दो दिन पहले कम्पनी बंद होने का पता लगा था। एजेंट का मोबाइल भी स्विच ऑफ है। करवड़ थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है।
ऋण लेकर पुलिसकर्मियों ने रुपए निवेश किए
कुछ पुलिसकर्मियों ने कम्पनी में निवेश किया तो इनके देखा-देखी दूसरे पुलिसकर्मी भी झांसे में फंस गए। शुरूआत में अच्छा लाभ मिलने लगा तो कुछ पुलिसकर्मियों ने पीएफ खाते व अन्य से ऋण लेकर कम्पनी में रुपए जमा करवा दिए थे। कम्पनी में अकेले जोधपुर के पुलिसकर्मियों के करोड़ों रुपए डूबे हैं।
सदमे में पुलिस, एक सिपाही की तबीयत बिगड़ी
कम्पनी के बंद होने व एजेंटों के मोबाइल बंद करने से निवेशक सदमे में हैं। पुलिस के एक सिपाही की तबीयत खराब हो गई थी। उसे अस्पताल में भर्ती तक कराया गया था। अंदेशा है कि उसने जान देने की कोशिश की थी। हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है।
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‘निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। पुलिसकर्मियों से भी धोखाधड़ी हुई है। एक आमजन की तरफ से करवड़ थाने में मामला दर्ज कराया गया है।’
डॉ अमृता दुहन, पुलिस उपायुक्त (पूर्व) जोधपुर।
Source: Jodhpur