जोधपुर।
हाईकोर्ट (Highcourt) में नौकरी लगाने का झांसा देकर तीन-चार लोगों ने बेरोजगार युवकों से लाखों रुपए ठग लिए। इतना ही नहीं, आरोपियों ने फर्जी टाइपशुदा पत्र और आइ-कार्ड दिखाए। संदेह होने पर पीडि़तों ने चार जनों को पकड़कर कुड़ी भगतासनी थाना पुलिस (Police station Kudi bhagtasni) को सौंपे। जिनसे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस के अनुसार मथानिया में रिनिया गांव की सोऊओं की ढाणी निवासी दिनेश पुत्र चैनाराम जाट ने नीरज यादव और दो-तीन अन्य के खिलाफ 3.50 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। आरोप है कि अगस्त 2022 में मांडियाई कला चौराहे पर नीरज यादव मिला था। उसने हाईकोर्ट में उच्चाधिकारियों से जान-पहचान बताई थी और गोपासरिया निवासी तेजाराम के कई परिचितों की हाईकोर्ट में नौकरी लगाने की जानकारी दी थी। नीरज ने दिनेश की भी हाईकोर्ट में नौकरी लगाने का झांसा दिया था। उसकी बातों में आकर सितम्बर 2022 में दिनेश ने नीरज को 3.50 लाख रुपए और शैक्षणिक योग्यता संबंधी दस्तावेज दे दिए थे।
आरोपी ने ओमप्रकाश, थानाराम, लक्ष्मण, मुकेश सहित पचास-साठ लोगों से भी नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ लिए थे। नीरज की धोखाधड़ी के बारे में पता लगने पर पुलिस कार्रवाई करने का निर्णय किया। पीडि़तों ने नीरज से नौकरी के बारे में बात की तो आरोपी ने नियुक्ति पत्र देने के लिए उन्हें हाईकोर्ट बुलाया। युवक हाईकोर्ट पहुंचे तो नीरज व तीन अन्य व्यक्ति कार में बैठे मिले।
आरोपियों ने नियुक्ति पत्र देने के नाम पर टाइपशुदा पत्र दिए।उस पर मुकेश के अंगूठे का निशान व हस्ताक्षर करवाकर वापस ले लिया। इतना ही नहीं, नीरज ने सचिन नामक व्यक्ति का आइ-कार्ड भी भेजा था। ऐसे ही आई-कार्ड सभी को देने का झांसा दिया था। ओमाराम ने हकीकत जानने के लिए टाइपशुदा पत्र का फोटो लेकर परिचित अधिवक्ता को भेजा। अधिवक्ता ने धोखाधड़ी होने की जानकारी दी थी। तब पीडि़तों ने पुलिस बुलाई। चारों जनों को पकड़ पुलिस को सौंपे। जिनसे पूछताछ की जा रही है।
Source: Jodhpur