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बालोतरा. पोकरण- फलसूंड- बालोतरा पेयजल योजना शहर व क्षेत्र के लोगों व अधिकारियों के लिए बड़ी सिरदर्द बन गई है। एक महीने में मंगलवार चौथी बार परियोजना लाइन टूटने से पानी को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है । मीठा पानी नहीं मिलने से परेशान लोग एक से अ धिक बार धरना प्रदर्शन कर, मार्ग जाम कर कड़ा विरोध जता चुके हैं। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस पर अब नगर व गांवों में स्थिति बेकाबू होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
विधानसभा पचपदरा क्षेत्र के लोगों की दशकों पुरानी मीठे पानी की प्रमुख मांग पर सरकार ने पोकरण- फलसूंड- बालोतरा- सिवाना पेयजल योजना स्वीकृत की थी। कई वर्षों के लंबे इंतजार के बाद परियोजना कार्य बालोतरा तक पूरा होने पर नगर स हित एक दर्जन गांवाें में मीठा पानी की आपूर्ति की गई। इस पर दशकों पुराना सपना साकार होने पर लोगों की आंखों में आंसू छलछला गए। इन्होंने मिठाई बांट कर खु शियां मनाई। लेकिन परियोजना के गुणवत्ताहीन कार्य पर अब यह बालोतरा व क्षेत्र के लोगों , अधिकारियों के लिए बड़ी सिरदर्द बन गई है। सर्दी में भी बुरी तरह से लड़खड़ाई पेयजल आपूर्ति पर लोग बूंद-बूंद पानी को तरस गए हैं।

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चौथी बार फिर टूटी परियोजना लाइन- जनवरी माह में प्रथम बार 6 जनवरी को परियोजना लाइन टूटी थी। 4 दिन बाद इसके सही होने पर 11 जनवरी को दुबारा पानी मिला। लेकिन इसी शाम दूसरी बार फिर लाइन टूट गई। 6 दिन के लंबे अंतराल बाद 17 जनवरी को फिर पानी की आपूर्ति हुई। लेकिन पांचवे दिन 22 जनवरी को फिर तीसरी बार लाइन टूट गई। 4 दिन बंद रहने के बाद 27 जनवरी को फिर पानी मिला। पानी मिले तीन दिन ही नहीं बीते कि चौथे दिन 31 जनवरी को फिर से परियोजना लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। एक महीने में 4 बार लाइन टूटने से व्यवस्था बुरी तरह से बिगड़ गई है।

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पखवाड़े से अधिक समय नहीं मिला पानी- जनवरी महीने में 4 बार पेयजल लाइन टूटने पर करीब एक पखवाड़े तक परियोजना से एक बूंद पानी नहीं मिला। परियोजना लाइन सुचारू रहने पर प्रतिदिन 8 से 10 एमएलडी पानी मिलता है। इस पर विभाग प्रत्येक जोन में करीब 4 से 5 दिन अंतराल में जलाआपूर्ति करता है। एक पखवाड़े तक एक बूंद पानी नहीं मिलने से बालोतरा, जसोल, पचपदरा सहित इससे जुड़े एक दर्जन से अधिक गांवों के लोग मीठे पानी को तरस गए हैं। अगले 3 से 4 दिन ओर परियोजना का पानी उपलब्ध नहीं होने से इन्हें और अधिक दिक्कतें उठानी पड़ेगी। यह तय है।

Source: Barmer News

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