उच्च शिक्षा के प्रति छात्रों के कदम कॉलेज की ओर से जाने से ठिठक रहे है। कॉलेज नामांकन के आंकड़े बताते हैं कि छात्राओं की बजाय छात्र हायर एजुकेशन में रूचि कम ले रहे हैं। इसके चलते गत 17 साल में राजस्थान में नामांकन में सबसे बड़ी गिरावट सत्र 2022-23 के दौरान सामने आई है। जबकि इस सत्र में 117 सरकारी कॉलेज बढ़े है। शिक्षा के लिए संस्थाएं बढ़ती जा रही है। नामांकन का गिराना काफी चिंताजनक है। यह खुलासा उच्च् शिक्षा विभाग की सत्र 2022-23 की रिपोर्ट में हुआ है।
स्कूल शिक्षा पूरी करने के बाद प्रत्येक छात्र के मन में कॉलेज जाने की खुशी अलग ही रहती है। लेकिन इस सत्र में प्रवेश की स्थिति को देखते हुए लग रहा है कि शायद स्टूडेंट कॉलेज की बजाय 12वीं के बाद अपना क्षेत्र बदल रहे हैं। संभवत: हायर एजुकेशन की जगह अन्य प्रोफेशनल कोर्स की ओर बढ़ते कदमों से कॉलेज में सीटें खाली रह रही है। इसके करण नामांकन में गिरावट आई है।
17 सालों में वर्तमान सत्र में सबसे कम नामांकन
कॉलेजों में सत्र 2022-23 में प्रदेश में पिछले 17 सत्रों के दौरान सबसे कम नामांकन ही नहीं छात्रों के नामांकन में 1.52 फीसदी की गिरावट भी दर्ज की गई है। वहीं छात्राओं के नामांकन में भी पिछले 17 सालों में सबसे कम बढ़ोतरी केवल 1.69 फीसदी की रही है। जो बहुत ही कम है और कुल नामांकन में केवल 0.14 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। जो कॉलेज शिक्षा में अब तक की सबसे कम है।
2016-17 में हुआ था सर्वाधिक नामांकन
सत्र 2005-06 से लेकर पिछले 17 सालों में सबसे अधिक बढ़ोतरी 2016-19 के सत्र में हुई थी। इस दौरान छात्र-छात्राओं में क्रमश : 21.69 व 29.23 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी।
वर्गवार नामांकन में गिरावट पर एक नजर
वर्तमान सत्र में सामान्य शिक्षा में नामांकन में सामान्य ईडब्लूएस वर्ग में छात्र में 3.70 व छात्राओं में 2.16 प्रतिशत की कमी आई। अनुसूचित जनजाति में छात्रों में 5.15 तथा अन्य एवं विशेष पिछड़ा वर्ग में 0.14 प्रतिशत की नामांकन पिछले सत्र के मुकाबले घटे। वहीं अल्पसंख्यक वर्ग में छात्र-छात्राओं में क्रमश: 4.26 व 9.66 प्रतिशत की गिरावट आई है। केवल एकमात्र वर्ग अनुसचित जाति के छात्रों में 0.75 व छात्राओं में 2.88 की वृद्धि हुई है।
महामारी के दौरान भी बढ़े थे स्टूडेंट्स
कोरोना महामारी में भी छात्रों के नामांकन में कमी नहीं आई थी। इस दौरान सत्र 2020-21 में 5.26 तथा 2021-22 में 3.41 फीसदी की कुल नामांकन में वृद्धि हुई थी। जबकि ये दोनों सत्र शिक्षा के लिहाज से स्टूडेंट्स के लिए काफी कठिन रहे थे। फिर भी नामांकन बढ़ा था।
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Source: Barmer News