हृदय की धमनियों में जमे कैल्शियम को काटने का नई तकनीक से प्रदेश में पहला ऑपरेशन
मथुरादास माथुर चिकित्सालय : डाॅ. रोहित माथुर, डाॅ. पवन शारडा एवं डाॅ. अनिल बारूपाल का रहा सहयोग
जोधपुर. मथुरादास माथुर चिकित्सालय के हृदय रोग विभाग में बुधवार को हृदय की धमनियों में जमा कैल्शियम को काटने की नवीनतम तकनीक ऑरबिटल एथेरेक्टॅामी से रोगी का सफल उपचार किया गया।
यह तकनीक चार दिन पहले ही देश पहली बार इस्तेमाल की गई। अब तक इस तकनीक से 15 रोगियों का उपचार किया गया है। चिकित्सकों के दावे के मुताबिक मथुरादास माथुर चिकित्सालय राजस्थान का पहला सरकारी चिकित्सालय है, जहां इस पद्धति से रोगी का सफलतापूर्वक उपचार किया गया। इसमें कार्डियोलोजी विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. रोहित माथुर, डाॅ. पवन शारडा एवं डाॅ. अनिल बारूपाल का सहयोग रहा।
ऑरबिटल एथेरेक्टॅामी तकनीक
हृदय की धमनियों में जमा कैलशियम हमेशा से ही हृदय रोग विशेषज्ञों के लिए एक चुनौती रहा है। इसे काटने के लिए विभिन्न प्रकार के बैलूनों तथा रोटाब्लेशन तकनीक का उपयोग अभी तक मथुरादास माथुर अस्पताल में हृदय रोग विभाग में नियमित रूप से किया जा रहा है। कुछ मामलों में इनमें से किसी भी तकनीक का उपयोग नहीं किया जा सकता है। ऐसे मामलों मे कैल्शियम काटने के लिए ऑरबिटल एथेरेक्टॅामी तकनीक का प्रयोग किया जाता है।
मरीज पूरी तरह स्वस्थ
डाॅ. संपूर्णानंद मेडिकल कॅालेज के प्रधानाचार्य डाॅ. दिलीप कच्छवाहा एवं मथुरादास माथुर चिकित्सालय के अधीक्षक डाॅ. विकास राजपुरोहित ने विशेष रूचि दर्शाते हुए इस केस के लिए त्वरित अनुमति प्रदान की। मरीज का उपचार निरोगी राजस्थान योजना के अंतर्गत नि:शुल्क किया गया तथा मरीज अब बिलकुल स्वस्थ है।
Source: Jodhpur